मानसून सीजन और पोस्ट मानसून सीजन के दौरान कम बरसात की वजह से देशभर में जलाशयों में पानी का स्तर लगातार कम हो रहा है. 2 नवंबर तक देश के 150 प्रमुख जलाशयों में पानी का स्तर औसत के मुकाबले 71 फीसद ही बचा है. अक्टूबर के दौरान देश के करीब 60 फीसद जिलों में सामान्य के मुकाबले कम बरसात हुई है, जिस वजह से जलाशयों में पानी के स्तर में कमी आई है. पानी का स्तर घटने की वजह से रबी की खेती पर असर पड़ सकता है.
केंद्रीय जल आयोग यानी CWC की साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक देश के 150 प्रमुख जलाशयों में पानी का स्तर कुल क्षमता 178.784 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) से घटकर 71 फीसद यानी 126.120 बिलियन क्यूबिक मीटर रह गया है. यह आंकड़ा पिछले हफ्ते के 127.591 बिलियन क्यूबिक मीटर से कम है. जलाशयों में पानी का यह स्तर पिछले साल की तुलना में 8 फीसद और पिछले 10 साल के औसत से 20 फीसद कम है. आंकड़ों के मुतबिक इस हफ्ते मध्य क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों के जलाशयों में पानी के स्तर में गिरावट आई है.
दक्षिण भारत में जलाशयों के स्तर में ज्यादा गिरावट
दक्षिण भारत में स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर है. दक्षिण भारत के जलाशयों में पानी का स्तर 45 फीसद के नीचे चला गया है. आंकड़ों के मुताबिक दक्षिणी क्षेत्र में पानी का स्तर घटकर 23.732 बीसीएम या 53.334 बीसीएम क्षमता का 44 फीसद ही बचा है. हालांकि तमिलनाडु में जलाशयों में पानी के स्तर में मामूली सुधार दर्ज किया गया है और यहां जलस्तर औसत के मुकाबले 51 फीसद है. वहीं केरल में जलाशयों का जलस्तर पिछले हफ्ते के स्तर सामान्य से 22 फीसद नीचे है. कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में जलस्तर औसत के मुकाबले क्रमश: 37 फीसद और 57 फीसद कम है.
हालांकि बारिश को लेकर एक सकारात्मक खबर निकलकर सामने आई है. दरअसल, मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तर-पूर्वी मानसून ने गति पकड़ ली है और यह एक हफ्ते तक चल सकता है और इससे जलस्तर के बढ़ने में मदद मिल सकती है. पूर्वी क्षेत्र में भी जलाशयों की स्थिति नाजुक है. पूर्वी क्षेत्र में जलस्तर 1 हफ्ते पहले के 76 फीसद से घटकर कुल क्षमता का 73.82 फीसद रह गया है.