अफ्रीका के एक्सपोर्टर लगा रहे हैं तुअर दाल की कीमतों में आग?

भारत अरहर, उड़द और मसूर जैसी दालों की कमी से जूझ रहा है.

अफ्रीका के एक्सपोर्टर लगा रहे हैं तुअर दाल की कीमतों में आग?

अरहर दाल की कीमतें बढ़ी हुई है. भारत में अरहर की दाल खुदरा बाज़ार में 180 रुपए प्रति किलो के भाव बिक रही है. देश में दाल की कमी पूरी करने के लिए सरकार ने अफ्रीका से अरहर का आयात शुरू किया. लेकिन वर्तमान में मोज़ाम्बिक से तुअर आयात की गति काफी धीमी हो गई है. इस वजह से दाल की कीमतों में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है. भारतीय आयातकों का मानना है कि दाल की एक्सपोर्ट प्राइस को बढ़ाने के लिए मोज़ाम्बिक के निर्यातक दाल भेजने में देरी कर रहे हैं.

बिजनेस न्यूजपेपर ईटी के मुताबिक, भारतीय आयातकों ने आरोप लगाया कि 1.5 लाख टन से अधिक तुअर एक महीने से अधिक समय से मोजाम्बिक के बंदरगाहों पर पड़ी है क्योंकि उस देश के निर्यातक ‘फिरौती के लिए तुअर कार्गो को रोके हुए हैं. इसका मतलब है कि वो दाल की कीमतों को बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहे हैं.

भारत अरहर, उड़द और मसूर जैसी दालों की कमी से जूझ रहा है. सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 5.02 फीसद हो गई लेकिन दालों की कीमतें अगस्त में 13 फीसद से बढ़कर सितंबर में 16.4 फीसद हो गई.

दामों में लगातार उछाल के बाद सरकार ने मार्च में अरहर के भंडारण पर रोक लगा दी थी. व्यापारियों और प्रोसेसरों पर स्टॉक सीमा को कड़ा करने के बाद तुअर की कीमतें स्थिर हो गई हैं. वहीं अफ्रीका मे तुअर की दाल में गिरावट देखी जा रही है. महाराष्ट्र के एक दाल आयातक ने मुताबिक अफ्रीकी अरहर की कीमतों में 5 फीसद की गिरावट आई है. अगर आयात सुचारू होता तो इसमें 10 फीसद की और कमी हो सकती थी.

छिलके वाली अफ्रीकी साबूत अरहर की कीमतें, जो घटकर ₹75-80/किलोग्राम तक होने की उम्मीद थी, केवल ₹95-96/किलोग्राम के उच्चतम स्तर से घटकर ₹90/किलोग्राम रह गई हैं. मोजाम्बिक से आयात की धीमी गति की वजह से दालों की कीमतों में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है.

आयातकों का आरोप है कि मोजाम्बिक के कुछ व्यापारी कृत्रिम रूप से कीमतें बढ़ाने और भारत को आपूर्ति रोकने की कोशिश कर रहे हैं.

Published - October 18, 2023, 02:08 IST