सरसों का होगा रिकॉर्ड उत्पादन

2023-24 के दौरान उत्पादन में मामूली 4 फीसद की बढ़ोतरी की वजह से सरकार के द्वारा तय किया गया उत्पादन का लक्ष्य हासिल हो सकता है.

सरसों का होगा रिकॉर्ड उत्पादन

2019-20 और 2022-23 के बीच तकरीबन 40 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज करने के बाद सरसों का उत्पादन इस साल यह उपलब्धि हासिल करने से चूक सकता है. हालांकि 2023-24 के दौरान उत्पादन में मामूली 4 फीसद की बढ़ोतरी की वजह से सरकार के द्वारा तय किया गया उत्पादन का लक्ष्य हासिल हो सकता है. बता दें कि कई छोटे राज्यों में किसानों ने सरसों की खेती से दूरी बनाई है, जबकि राजस्थान या मध्य प्रदेश जैसे बड़े उत्पादक राज्यों में क्षेत्रफल में बड़ी बढ़ोतरी नहीं दर्ज की गई है. उत्तर प्रदेश अपवाद के तौर पर एकमात्र ऐसा राज्य है जहां 22 दिसंबर तक रकबे में 32 फीसद की बढ़ोतरी हुई है.

सरसों का रकबा 2 फीसद बढ़ा

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 22 दिसंबर तक सरसों की बुआई 2 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 95.23 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल इस अवधि में यह आंकड़ा 93.46 लाख हेक्टेयर था. राजस्थान में सरसों का रकबा 1.6 लाख हेक्टेयर घट गया है, जबकि उत्तर प्रदेश में 4.3 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है. वहीं अन्य जगहों पर सरसों की बुआई के आंकड़ों में कोई बहुत बड़ा अंतर नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लद्दाख, महाराष्ट्र, मणिपुर, त्रिपुरा और कुछ अन्य राज्यों में सरसों की कोई बुआई नहीं की गई है. हालांकि इन राज्यों में सामान्य क्षेत्रफल एक लाख हेक्टेयर भी नहीं है.

गौरतलब है कि सरकार की उत्तर-पूर्व में सरसों की बुआई का क्षेत्रफल बढ़ाने की योजना थी, लेकिन इस साल यह ज्यादा सफल नहीं हो पाई. दरअसल, असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, सिक्किम, मिजोरम और मणिपुर में सरसों का कुल रकबा 3.67 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, पिछले साल इस दौरान 3.28 लाख हेक्टेयर में सरसों की खेती हुई थी, जबकि इन राज्यों में सरसों का सामान्य क्षेत्रफल 3.82 लाख हेक्टेयर रहा है.

बता दें कि कृषि मंत्रालय ने 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए सरसों का उत्पादन लक्ष्य 131.4 लाख टन तय किया है, जो कि 2022-23 में अनुमानित वास्तविक उत्पादन 126.43 लाख टन से ज्यादा है. 2019-20 में सरसों का उत्पादन 91.24 लाख टन था. जानकारों का कहना है कि राजस्थान में कई किसानों ने सरसों के बजाय मसालों की खेती की ओर रुख किया है और जिसकी वजह से सरसों के रकबे में गिरावट सरकारी अनुमान से भी ज्यादा हो सकती है.

Published - December 26, 2023, 01:16 IST