शुगर सीजन 2023-24 में चीनी उत्पादन करीब 15 लाख टन की कमी होने का अनुमान है. इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के दूसरे उत्पादन अनुमान के मुताबिक शुगर सीजन 2023-24 में डायवर्जन के बाद चीनी का उत्पादन करीब 313.5 लाख टन होने का अनुमान है. गौरतलब है कि सरकार ने इस सीजन के लिए गन्ने के रस/बी हैवी मौलेसिस के जरिए एथेनॉल के उत्पादन के लिए सिर्फ 17 लाख टन चीनी के डायवर्जन की अनुमति दी है.
शुगर सीजन 2022-23 में डायवर्जन के बाद चीनी का उत्पादन 328.2 लाख टन दर्ज किया गया था और उस समय 38 लाख टन चीनी का डायवर्जन हुआ था. इस्मा के मुताबिक 1 अक्टूबर 2023 को करीब 56 लाख टन के ओपनिंग स्टॉक, 285 लाख टन की घरेलू खपत और 313.5 लाख टन के अनुमानित उत्पादन को ध्यान में रखते हुए 30 सितंबर 2024 तक करीब 84.5 लाख टन का क्लोजिंग स्टॉक रहने का अनुमान है.
18 लाख टन अतिरिक्त चीनी डायवर्जन को अनुमति दे सकती है सरकार
इस्मा का मानना है कि सरकार क्लोजिंग स्टॉक को देखते हुए मौजूदा शुगर सीजन में एथेनॉल के उत्पादन के लिए करीब 18 लाख टन अतिरिक्त चीनी के डायवर्जन की अनुमति दे सकती है. अतिरिक्त चीनी के डायवर्जन की अनुमति के बाद भी क्लोजिंग स्टॉक अगले सीजन की 3 महीने की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त रहेगा. इस्मा के मुताबिक 31 जनवरी 2024 तक 187.2 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में करीब 195 लाख टन चीनी का उत्पादन दर्ज किया गया था.
हालांकि पिछले साल संचालित 517 चीनी मिलों की तुलना में इस साल करीब 520 चीनी मिलों में परिचालन हो रहा है. 2023-24 में देशभर में 57 लाख हेक्टेयर में गन्ने की बुआई दर्ज की गई थी, जबकि 2022-23 में गन्ने का रकबा 59 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था. 2023-24 में उत्तर प्रदेश में 24 लाख हेक्टेयर में गन्ने की बुआई हुई थी, जबकि महाराष्ट्र में 13 लाख हेक्टेयर में गन्ना बोया गया था. 2022-23 में उत्तर प्रदेश में 23.8 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती दर्ज की गई थी. वहीं महाराष्ट्र में 2022-23 में 14.5 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती हुई थी.