प्रमुख दलहन उत्पादक क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश में कमी और अनियमितता की वजह से उत्पादन प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश में दलहन इंपोर्ट दोगुना से ज्यादा हो गया है. ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान दलहन इंपोर्ट में करीब 111 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अप्रैल-सितंबर की अवधि में 15 लाख टन दलहन का इंपोर्ट हुआ है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में इंपोर्ट 7.09 लाख टन का था.
डॉलर के संदर्भ में देखें तो अप्रैल-सितंबर के दौरान 1.26 बिलियन डॉलर से ज्यादा का दलहन आयात दर्ज किया गया है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 595 मिलियन डॉलर मूल्य का दलहन इंपोर्ट हुआ था. वहीं रुपए के संदर्भ में देखें तो इस अवधि के दौरान दलहन का इंपोर्ट बिल 122 फीसद बढ़कर 10,440 करोड़ रुपए दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 4,695 करोड़ रुपए का था.
विदेशों से मसूर, तुअर और उड़द समेत अन्य दलहन की खरीद की वजह से आयात में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान मसूर के आयात में 184 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अप्रैल-सितंबर की अवधि में 8.02 लाख टन मसूर का आयात किया गया था, जबकि बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में 2.81 लाख टन मसूर आयात हुआ था. वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने कुल 8.58 लाख टन मसूर का आयात किया था.
10 लाख टन से ज्यादा हो सकता है मसूर का इंपोर्ट
हाल ही में अमेरिका से आयात की जाने वाली मसूर पर प्रतिशोधात्मक सीमा शुल्क हटाए जाने के साथ इसकी उम्मीद भी बढ़ गई है कि चालू वित्त वर्ष में मसूर का आयात दस लाख टन से ज्यादा हो सकता है. चालू रबी सीजन में 24 नवंबर तक मसूर की बुआई करीब 12.74 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 12.03 लाख हेक्टेयर में मसूर की खेती हुई थी. कुल मिलाकर चने की बुआई पीछे रहने की वजह से दलहन का रकबा पिछले साल के मुकाबले पीछे है.
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान तुअर का इंपोर्ट 2.74 लाख टन दर्ज किया गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष के 1.56 लाख टन की तुलना में 75 फीसद ज्यादा है. वहीं बीते वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर की अवधि में उड़द के आयात में 39 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इस अवधि में 2.40 लाख टन उड़द का इंपोर्ट दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर की अवधि में 1.72 लाख टन उड़द का आयात दर्ज किया गया था.