दिसंबर के महीने में भारत का पाम ऑयल आयात बीते 4 महीने में सबसे ज्यादा दर्ज किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रतिस्पर्धी कीमतों की वजह से रिफाइंड पामोलीन की खरीद बढ़ने से भारत के पाम ऑयल में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. दुनिया के सबसे बड़े वनस्पति तेल आयातक द्वारा ज्यादा खरीद की वजह से शीर्ष उत्पादक देशों इंडोनेशिया और मलेशिया में पाम ऑयल के स्टॉक को कम करने और बेंचमार्क वायदा को सपोर्ट मिल सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले महीने की तुलना में दिसंबर के महीने में भारत का पाम ऑयल आयात 1.9 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 8,86,000 मीट्रिक टन दर्ज किया गया था. साथ ही इस महीने में रिफाइंड पाम ऑयल का आयात 47 फीसद बढ़कर 2,52,000 टन दर्ज किया गया.
खाद्य तेल कारोबारियों के मुताबिक क्रूड पाम ऑयल का रिफाइनिंग मार्जिन भारतीय रिफाइनर्स के लिए नकारात्मक था, जबकि निर्यातक देश सस्ती कीमत पर रिफाइंड पाम ऑयल की पेशकश कर रहे थे, जिसकी वजह से यह खरीदार देशों के लिए आकर्षक बन गया था. डीलर्स का कहना है कि मुंबई बंदरगाह पर आने के बाद रिफाइंड ब्लीच्ड डिओडोराइज्ड (आरबीडी) पामोलीन की लागत क्रूड पाम ऑयल की तुलना में करीब 25 डॉलर प्रति टन कम थी. उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) जनवरी के मध्य तक दिसंबर के आयात पर अपने आंकड़े प्रकाशित कर सकता है.
दिसंबर में सूरजमुखी ऑयल का आयात दोगुना
डीलर्स का कहना है कि दिसंबर में सूरजमुखी ऑयल का आयात दोगुना से ज्यादा होकर 2,63,000 टन पर पहुंच गया, जो कि 3 महीने में सबसे ज्यादा है. इसके साथ ही पाम ऑयल और सूरजमुखी ऑयल के आयात में बढ़ोतरी की वजह से भारत का कुल खाद्य तेल आयात बढ़कर 1.3 मिलियन मीट्रिक टन हो गया, जो एक महीने पहले की तुलना में 13.3 फीसद ज्यादा है. डीलर्स का अनुमान है कि दिसंबर में सोया तेल का आयात एक महीने पहले की तुलना में 1.4 फीसद बढ़कर 1,52,000 टन दर्ज किया गया. हालांकि निगेटिव रिफाइनिंग मार्जिन और प्रतिद्वंद्वी तेलों पर ज्यादा प्रीमियम की वजह से पिछले विपणन वर्ष में 3,06,000 टन के औसत आयात से काफी कम है. गौरतलब है कि भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से पाम ऑयल की खरीदारी करता है, जबकि अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से सोया तेल और सूरजमुखी तेल का आयात होता है.