मोजाम्बिक से तुअर आयात प्रभावित होने की वजह से कीमतों में तेजी बनी रहने की आशंका है. दरअसल, 2 कमोडिटी कंपनियों के बीच प्रतिद्वंद्विता की वजह से मोजाम्बिक से तुअर की सप्लाई में व्यवधान उत्पन्न हो गया है. दूसरी ओर म्यांमार से तुअर का ज्यादा आयात की संभावना के बावजूद कीमतों में तेजी के संकेत हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कमोडिटी फर्म एक्सपोर्ट ट्रेडिंग ग्रुप यानी ETG और रॉयल ग्रुप लिमिटाडा के बीच गतिरोध के कारण हाल के महीनों में मोजाम्बिक से तुअर की सप्लाई में बाधा उत्पन्न हुई है.
गौरतलब है कि मोजाम्बिक अफ्रीका में तु्अर का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. दालों के सबसे बड़े उत्पादक और उपभोक्ता देश भारत को मोजाम्बिक का करीब 40 फीसद तुअर का निर्यात होता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले हफ्ते मोजाम्बिक की एक अदालत ने फैसला सुनाया था कि वैश्विक कमोडिटी ब्रोकर एक्सपोर्ट ट्रेडिंग ग्रुप से संबंधित तुअर को भारत निर्यात नहीं किया जा सकता है. ETG ने मोजाम्बिक स्थित रॉयल ग्रुप लिमिटाडा को 61 मिलियन डॉलर मूल्य के हजारों टन तुअर का निर्यात करने से रोकने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. ETG ने आरोप लगाया था कि इस तुअर को ईटीजी के गोदामों से अवैध रूप से जब्त किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिसंबर में ईटीजी ने मोजाम्बिक के राष्ट्रपति फिलिप न्यूसी से भी हस्तक्षेप की अपील की थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नवंबर की शुरुआत में भारत को निर्यात की जाने वाली न्यूनतम 1,50,000 टन तुअर मोजाम्बिक के बंदरगाहों पर कस्टम से निर्यात की अनुमति के इंतजार में रोक दी गई थी, जिसकी वजह से तुअर के दाम में बढ़ोतरी देखने को मिली थी. ईटीजी ने कहा है कि रॉयल ग्रुप के साथ विवाद 2022 में शुरू हुआ था, जब सोयाबीन का एक कार्गो जिसे रॉयल ग्रुप भारत को निर्यात कर रहा था, उसे इस संदेह पर रोक दिया गया था कि फसल जेनेटिकली मोडेफाइड थी. रॉयल ग्रुप ने आरोप लगाया था कि ईटीजी ने अधिकारियों को सूचित किया था.