15 दिन में करीब दोगुना हो गया प्याज का भाव

दिसंबर तक प्याज की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है

15 दिन में करीब दोगुना हो गया प्याज का भाव

प्याज की महंगाई के लिए आप एक बार तैयार हो जाइए. दरअसल, बीते 15 दिन में प्याज का भाव करीब दोगुना हो गया है. एग्मार्कनेट के आंकड़ों के मुताबिक 25 अक्टूबर को महाराष्ट्र में प्याज की प्रमुख मंडी लासलगांव एपीएमसी में प्याज का औसत थोक भाव 4,351 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया है, जो कि 15 दिन में दोगुना बढ़ गया है. 9 अक्टूबर को लासलगांव एपीएमसी में प्याज का औसत थोक भाव 2,360 रुपए प्रति क्विंटल था.

दिसंबर तक महंगा रहने की आशंका

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार को दिल्ली के साथ-साथ महाराष्ट्र के कुछ बाजारों में अच्छी क्‍वॉलिटी वाले प्याज की अधिकतम कीमत 50 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि दिसंबर तक प्याज की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है. बता दें कि प्याज की नई फसल की आवक दिसंबर में शुरू हो सकती है जिसके बाद ही कीमतों में नरमी आ सकती है, तब तक कीमतों में तेजी के आसार हैं.

अहमदनगर जिले के प्याज कारोबारियों के एसोसिएशन के चेयरमैन नंदकुमार शिर्के के मुताबिक अहमदनगर बाजार में प्याज का औसत भाव करीब 10 दिन पहले के 35 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 45 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है. महाराष्ट्र के अधिकतर प्याज उत्पादक जिलों में प्याज का औसत थोक भाव 45-48 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच है. मंगलवार को लासलगांव मंडी में प्याज का औसत थोक भाव 38 रुपए प्रति किलोग्राम दर्ज किया गया था, जबकि 10 अक्टूबर को भाव करीब 24 रुपए प्रति किलोग्राम था.

निर्यात पर लागू है सख्ती

गौरतलब है कि देश में प्याज की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने इसके निर्यात पर सख्ती की हुई है. सरकार ने अगस्त के महीने में प्याज के निर्यात पर 40 फीसद टैक्स लगाने का ऐलान किया था. प्याज के निर्यात पर यह टैक्स दिसंबर के अंत तक लागू रहेगा. बता दें कि बुआई में देरी और कम बुआई की वजह से प्याज के दाम में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. हालांकि सरकार प्याज की महंगाई पर लगाम लगाने के लिए कई तरह के कदम उठा चुकी है जिसमें निर्यात पर सख्ती के साथ ही सस्ते दाम पर प्याज की बिक्री भी शामिल है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते दो साल से नुकसान उठाने की वजह से दक्षिणी राज्यों कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में किसानों ने खरीफ प्याज की बुआई कम की थी. इसके अलावा इन दोनों राज्यों में सामान्य से कम बारिश की वजह से भी प्याज का उत्पादन कम हो गया है.

Published - October 26, 2023, 01:14 IST