फरवरी में ऑयलमील निर्यात 9 फीसद बढ़ा

भारत ने फरवरी 2024 के दौरान कुल ऑयलमील निर्यात में से 3.47 लाख टन सोयाबीन मील का निर्यात किया था.

फरवरी में ऑयलमील निर्यात 9 फीसद बढ़ा

फरवरी के दौरान भारत से ऑयलमील के कुल निर्यात में 9 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले साल की समान अवधि की तुलना में भारत ने फरवरी 2024 में 9 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 5.15 लाख टन ऑयलमील का निर्यात किया था, जबकि फरवरी 2023 में 4.71 लाख टन ऑयलमील का निर्यात हुआ था. भारत ने फरवरी 2024 के दौरान कुल ऑयलमील निर्यात में से 3.47 लाख टन सोयाबीन मील का निर्यात किया था, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 2.30 लाख टन का था.

अप्रैल-फरवरी की अवधि में ऑयलमील निर्यात 19 फीसद बढ़ा

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी SEA के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 के शुरुआती 11 महीने में ऑयलमील का निर्यात 19 फीसद बढ़कर 44.90 लाख टन दर्ज किया गया है, जबकि 2022-23 की समान अवधि में ऑयलमील का निर्यात 37.60 लाख टन हुआ था. SEA के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर बी वी मेहता के मुताबिक 2023-24 में अप्रैल-फरवरी की अवधि में सोयाबीन मील का निर्यात 19.34 लाख टन दर्ज किया गया है, जबकि 2022-23 की समान अवधि में सोयाबीन मील का निर्यात 7.87 लाख टन का था. बता दें कि वैश्विक बाजार में भारतीय सोयाबीन के दाम प्रतिस्पर्धी बने हुए हैं जिससे सोयाबीन मील की निर्यात मांग में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

सरसों की प्रोसेसिंग कम होने का अनुमान

हालांकि उनका कहना है कि कांडला पोर्ट पर 13 मार्च को भारतीय सोयाबीन मील का भाव 490 डॉलर प्रति टन था, जबकि रॉटरडम पोर्ट पर अर्जेंटीना के सोयाबीन मील का भाव 415 डॉलर प्रति टन था, उनका कहना है कि भारतीय सोयाबीन मील को अर्जेंटीना के सोयाबीन मील से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. सरसों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि पेराई में असमानता की वजह से आने वाले महीने में भारतीय सरसों की प्रोसेसिंग क्षमता से कम होने की संभावना है. वैश्विक बाजार में सोयाबीन मील से बढ़ती प्रतिस्पर्धा की वजह से सरसों मील की निर्यात बिक्री धीमी हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक 2023-24 के पहले 11 महीनों के दौरान सरसों मील का निर्यात 20.40 लाख टन था, जबकि 2022-23 की समान अवधि में यह आंकड़ा 20.48 लाख टन का था.

Published - March 15, 2024, 06:07 IST