ब्राजील ने भारतीय निर्यात बाजार के लिए रास्ते खोल दिए हैं. ऐसे में भारतीय डेयरी प्रोडक्ट अब ब्राजील के बाजार में उपलब्ध होंगे. खासतौर पर ऊंटनी का दूध और पनीर जाएगा. इसके लिए दोनों देशों की सरकारें आपस में सहयोग कर रही हैं. प्रस्तावित साझेदारी में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने और गुणवत्ता में सुधार के लिए अमरेली, गुजरात में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की भी योजना है.
ब्राजील के कृषि अताशे एंजेलो डी क्विरोज़ मौरिसियो ने एक इंटरव्यू में कहा कि ब्राजील में एक ऐसा क्षेत्र है जो ऊंटनी के दूध का आयात करना चाहता है और हम ऊंटनी के दूध के संदर्भ में भारत से ब्राजील तक इस व्यापार पर चर्चा कर रहे हैं. ब्राजील में कुछ लोग अन्य डेयरी उत्पादों जैसे कैज़ैन और कुछ विशेष पनीर का आयात करना चाहते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि दो सिस्टर सिटी बनाने की चर्चा चल रही है, जिसमें एक उबेराबा और दूसरा ब्राज़ील में है. ब्राज़ील में डेयरी साइटोजेनेटिक्स का केंद्र है और गुजरात का अंबरली दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए दोनों देशों में जेबू रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिए एक संयुक्त परियोजना पर काम करेगा.
अतिरिक्त योजनाओं में ब्राजील के सहयोग से भारत में एक शोध संस्थान की स्थापना भी की जाएगी. इस परियोजना में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB), भारतीय पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) और दूतावास शामिल होंगे, साथ ही इसकी निगरानी करने वाली एक समिति भी शामिल होगी.
ब्राज़ीलियाई दूतावास के आंकड़ों के अनुसार 2023 में भारत और ब्राज़ील के बीच कृषि वस्तुओं सहित प्रमुख उत्पादों का द्विपक्षीय व्यापार 11.5 बिलियन डॉलर था, जो एक साल पहले 15.1 बिलियन डॉलर था. वहीं 2021-22 में भारत ने ब्राज़ील से लगभग 1.5 बिलियन डॉलर का कृषि सामान आयात किया, लेकिन केवल 71 मिलियन डॉलर का निर्यात किया गया.
बता दें भारत और ब्राजील द्विपक्षीय स्तर के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र, डब्ल्यूटीओ और यूनेस्को के अलावा ब्रिक्स, बेसिक, जी-20, जी-4, आईबीएसए, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसे बहुपक्षीय मंचों पर घनिष्ठ और बहुआयामी संबंध साझा करते हैं. दोनों देश 2006 से कई समझौता ज्ञापनों के साथ रणनीतिक भागीदार रहे हैं, जिसमें पशुपालन, विशेष रूप से डेयरी के विकास पर एक समझौता भी शामिल है.