आवक में बढ़ोतरी होने की वजह से कर्नाटक और महाराष्ट्र की प्रमुख उत्पादक मंडियों में तुअर की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है. तुअर की कीमतों में गिरावट से केंद्र सरकार और उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है. जानकारी के मुताबिक कर्नाटक में कलबुर्गी, यादगीर, बीदर और रायचूर जैसी मंडियों में बीते एक हफ्ते के दौरान तुअर के मॉडल भाव में 14-15 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है. गौरतलब है कि मॉडल प्राइस वह दर होती है जिस पर अधिकांश व्यापार होता है. दूसरी ओर महाराष्ट्र की लातूर और उदगीर जैसी अन्य मंडियों में भी तुअर के दाम में गिरावट आई है.
कर्नाटक और महाराष्ट्र में तुअर का मॉडल भाव 8,000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर से थोड़ा ऊपर है. यहां पिछले हफ्ते से कीमतों में 1,000 रुपए से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. 2023-24 सीजन के लिए तुअर का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी 7,000 रुपए प्रति क्विंटल है. दलहन कारोबारियों का कहना है कि तुअर की आवक बढ़ने के साथ ही कीमतों में गिरावट आनी शुरू हो चुकी है. साथ ही वे फिलहाल इंतजार करो एवं देखो की रणनीति पर काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि विदर्भ और कर्नाटक में आवक और कीमत के रुझान पर कारोबारियों की नजर है.
दलहन कारोबारियों के मुताबिक मंगलवार को लातूर में तुअर की आवक 10,000 से 12,000 टन के बीच दर्ज की गई और 7,800 रुपए-8,500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच कारोबार दर्ज किया गया. मंगलवार को तुअर का औसत भाव करीब 8,250 रुपए प्रति क्विंटल था. इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन यानी आईपीजीए की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक अकोला की प्रमुख मंडी में 2 जनवरी को तुअर दाल का भाव 20 फीसद घटकर 13,600 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गया है, जबकि सितंबर की शुरुआत में दाम 17,000 रुपए के उच्चतम स्तर पर था. दलहन कारोबारियों के मुताबिक मंडियों में तुअर की आवक बढ़ गई है और जिसके परिणामस्वरूप बाजार में तुअर की उपलब्धता में सुधार हुआ है. इसके अलावा म्यांमार से तुअर आयात के सौदे भी होने शुरू हो गए हैं.