गेहूं पर स्टॉक घोषणा की शर्त अनिश्चितकाल के लिए लागू

गेहूं व्यापारियों, रिटेलर्स और आटा मिलों को अगले आदेश तक हर शुक्रवार को सरकार के बताए पोर्टल पर अपने स्टॉक की घोषणा करनी होगी

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नई फसल के गेहूं की आवक शुरू होने के बावजूद सरकार ने कराोबारियों के लिए गेहूं के स्टॉक को घोषित करने की शर्त आगे बढ़ाने का फैसला किया है. शुक्रवार को केंद्रीय खाद्य विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि गेहूं पर स्टॉक घोषणा की शर्त 31 मार्च के बाद भी लागू रहेगी, इसके तहत गेहूं व्यापारियों, रिटेलर्स और आटा मिलों को अगले आदेश तक अपने हर शुक्रवार को सरकार के बताए पोर्टल पर अपने स्टॉक की घोषणा करनी होगी. यानी स्टॉक घोषित करने की शर्त अनिश्चितकाल के लिए लागू हो गई है.

पिछले साल जब सरकारी एजेंसियों की गेहूं खरीद लक्ष्य से कम रही थी, तब सरकार ने जून में स्टॉक घोषणा की शर्त को लागू कर दिया था. पिछले साल सरकार ने 341 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था, लेकिन खरीद सिर्फ 262 लाख टन की हो पाई थी. इसके बाद सरकार को खुले बाजार में बेचने के लिए अपना पुराना गेहूं निकालना पड़ा था. खुले बाजार में सरकारी स्टॉक से ज्यादातर गेहूं की बिक्री होने के बाद अब सरकारी गोदामों में स्टॉक 16 साल के निचले स्तर तक चला गया है. सरकार नहीं चाहती कि गेहूं की सरकारी खरीद के समय इसका भाव ज्यादा बढ़े, इसलिए गेहूं के स्टॉक की घोषणा को अनिश्चितकाल के लिए लागू किया गया है. ऐसी संभावना है कि सरकारी खरीद लक्ष्य पूरा होने के बाद सरकार इस घोषणा को वापस ले सकती है.

इस साल सरकार ने किसानों से 300-320 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है और आधिकारिक तौर पर खरीद का सीजन 1 अप्रैल से शुरू हो रहा है. लेकिन कुछ राज्यों में नई फसल का गेहूं पहले ही मंडियों में पहुंचना शुरू हो गया है. जिस वजह से सरकारी एजेंसियों ने वहां पर किसानों से गेहूं की खरीद शुरू कर दी है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अबतक देशभर में कुल 61400 टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है. इस साल सरकार ने FCI और राज्य की एजेंसियों के अलावा नैफेड और NCCF को भी किसानों से गेहूं खरीद की अनुमति दी है, हालांकि ये दोनों एजेंसिया भारत आटा ब्रांड के तहत बेचे जाने वाले आटे के लिए गेहूं की खरीद करेंगी.

Published - March 30, 2024, 10:14 IST