किसानों से तुअर, मसूर की खरीद करेगी सरकार

उपभोक्ता मंत्रालय ने बफर स्टॉक के लिए 80 फीसद तुअर और मसूर की खरीद सीधे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) या प्रचलित बाजार दरों पर करने का लक्ष्य बनाया है. 

किसानों से तुअर, मसूर की खरीद करेगी सरकार
दलहन के घटते स्टॉक को बढ़ाने और बाजार में दाम को स्थिर रखने के लिए सरकार ने किसानों से सीधे 400,000 टन तुअर और 200,000 टन मसूर दाल खरीदने की योजना बनाई है. इन दालों की खरीद मिनिमम एश्योर्ड प्रोक्योरमेंट प्राइस यानी MAPP या डायनामिक बफर प्रोक्योरमेंट प्राइस यानी DBPP में से जो भी ज्यादा हो उस पर की जाएगी. उपभोक्ता मंत्रालय ने बफर स्टॉक के लिए 80 फीसद तुअर और मसूर की खरीद सीधे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) या प्रचलित बाजार दरों पर करने का लक्ष्य बनाया है.
सरकार की ओर से यह कदम तुअर और कुछ अन्य दालों के उत्पादन में कमी की वजह से बफर स्टॉक में गिरावट को देखते हुए उठाया गया है. एमएपीपी को एक जिले में पिछले तीन कारोबारी दिनों की भारित औसत कीमत के रूप में निर्धारित किया जाता है, जबकि डीबीपीपी की गणना खरीद के दिन भारित औसत कीमत के साथ-साथ तीन पूर्ववर्ती और बाद के कारोबारी दिनों की कीमतों के आधार पर की जाती है.
योजना के तहत नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF) तुअर और मसूर की खरीद सीधे पूर्व-पंजीकृत किसानों से करेंगी. जनवरी में तुअर की खरीद शुरू हुई थी. दोनों एजेंसियों ने अभी तक करीब 8,000 टन तुअर की खरीद की है, जबकि मसूर दाल की खरीद इस महीने शुरू होने वाली है. बता दें कि जनवरी में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक बहुभाषी इलेक्ट्रॉनिक तुअर दाल खरीद पोर्टल का उद्घाटन किया था. उड़द, मसूर और मक्का किसानों के लिए इसी तरह के पोर्टल जल्द ही लॉन्च किए जाने की उम्मीद है.
पोर्टल लॉन्च के दौरान उन्होंने कहा था कि सरकार 2027 तक दालों में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य रख रही है और किसानों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए कृषि संगठनों को खरीद पोर्टल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. गौरतलब है कि पिछले एक दशक में न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की वजह से दलहन उत्पादन में लगातार वृद्धि हुई है, लेकिन दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं. उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयासों के बावजूद देश में तुअर का उत्पादन घरेलू खपत स्तर से कम होने का अनुमान है.
Published - March 18, 2024, 02:24 IST