केंद्र सरकार ने निर्यात प्रतिबंध में ढील देते हुए तीन बंदरगाहों से 2,000 टन तक सफेद प्याज के निर्यात की अनुमति दे दी है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि निर्यातक को निर्यात किए जाने वाले सफेद प्याज की सामग्री और मात्रा को लेकर गुजरात सरकार के बागवानी आयुक्त से प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा. इसमें कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से, निर्दिष्ट बंदरगाहों के माध्यम से 2,000 टन तक सफेद प्याज के निर्यात की अनुमति दी गई है.
यह निर्यात, मुंद्रा बंदरगाह, पिपावाव बंदरगाह और न्हावा शेवा/जेएनपीटी बंदरगाह से करने की अनुमति है. राजनीतिक रूप से संवेदनशील वस्तु प्याज के निर्यात पर सामान्य तौर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि, सरकार मित्र राष्ट्रों को उनके अनुरोध पर निर्दिष्ट मात्रा में निर्यात की अनुमति देती है. डीजीएफटी वाणिज्य मंत्रालय की एक इकाई है. यह आयात और निर्यात से संबंधित मानदंडों को तय करती है.
पिछले साल आठ दिसंबर को सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. बता दें कि सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया है. पहले प्रतिबंध को 31 मार्च तक लागू किया गया था, लेकिन अब इसे अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया गया है. चुनावों के दौरान प्याज की महंगाई न बढ़े इसके लिए इसके निर्यात पर लगे प्रतिबंध को आगे बढ़ाने का फैसला हुआ है. रबी सत्र, 2023 में प्याज का उत्पादन 2.27 करोड़ टन रहने का अनुमान है. अंतर-मंत्रालयी समूह से मंजूरी मिलने के बाद मित्र देशों को प्याज के निर्यात की अनुमति कुछ विशेष मामलों में दी जाती है.