सरकार चीनी मिलों को कच्चे माल के रूप में अपने अतिरिक्त बी-हैवी शीरा का इस्तेमाल करके एथेनॉल बनाने की अनुमति देने पर विचार कर रही है. बाजार में चीनी की संतोषजनक आपूर्ति और स्थिर कीमतों के बीच इस बात पर गौर किया जा रहा है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. चीनी मिलों के पास वर्तमान में आठ लाख टन से अधिक बी-हैवी शीरा है. इसके इस्तेमाल पर सात दिसंबर को प्रतिबंध लगने से पहले इसका उत्पादन किया गया था. सरकार ने एक हफ्ते बाद प्रतिबंध को हटा दिया था और गन्ने के रस तथा बी-हैवी शीरा दोनों के इस्तेमाल की अनुमति दी थी.
हालांकि 2023-24 आपूर्ति वर्ष (नवंबर-अक्टूबर) के लिए एथेनॉल उत्पादन के लिए 17 लाख टन की कुल सीमा के भीतर अनुमति दी गई थी. सूत्रों के मुताबिक पेराई खत्म होने के बाद एथनॉल बनाने के लिए उद्योग ने बी-हैवी शीरे का भंडारण किया, लेकिन सरकार ने अचानक इसके इस्तेमाल की सीमा तय कर दी है. मिलों के पास अब बी-हैवी शीरा का अतिरिक्त भंडार है. सूत्रों ने कहा कि अब जब पेराई समाप्त हो रही है, तो चीनी उद्योग सरकार से एथेनॉल उत्पादन के लिए बी-हैवी शीरा के उपलब्ध अतिरिक्त भंडारण के इस्तेमाल की अनुमति देने की मांग कर रहा है.
सूत्रों ने कहा कि प्रस्ताव विचाराधीन है. चर्चा जारी है. उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को घरेलू चीनी उत्पादन को ध्यान में रखते हुए मंजूरी दी जा सकती है. 2023-24 मौसम (अक्टूबर-सितंबर) में अब तक 300 लाख टन से अधिक का उत्पादन हो चुका है, जो मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है और यहां तक कि खुदरा कीमतें भी स्थिर हैं. चालू 2023-24 मौसम में चीनी का उत्पादन 315-320 लाख टन के बीच होने का अनुमान है.