सरकार आगामी अंतरिम बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि कर्ज के लक्ष्य को बढ़ाने का ऐलान कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार कृषि कर्ज के लक्ष्य को बढ़ाकर 22-25 लाख करोड़ रुपये कर सकती है. दरअसल, सरकार लक्ष्य को बढ़ाकर सभी पात्र किसानों तक कृषि कर्ज पहुंचना सुनिश्चित करना चाहती है. बता दें कि चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का कृषि कर्ज का लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये है.
3 लाख के कर्ज पर ब्याज में मिलती है छूट
गौरतलब है कि मौजूदा समय में सरकार की ओर से सभी वित्तीय संस्थानों के लिए 3 लाख रुपये तक के शॉर्ट टर्म कृषि कर्ज पर 2 फीसद की ब्याज छूट प्रदान की जाती है. इस तरह किसानों को हर साल 7 फीसद की रियायती दर पर 3 लाख रुपये तक का कृषि कर्ज मिल रहा है. वहीं समय पर भुगतान करने वाले किसानों को सालाना 3 फीसद की अतिरिक्त ब्याज छूट भी प्रदान की जा रही है. हालांकि किसान लॉन्ग टर्म कर्ज भी ले सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें बाजार दर पर ब्याज का भुगतान करना होता है.
ज्यादातर किसानों तक कृषि कर्ज का फायदा पहुंचाने का प्रयास
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार छूटे हुए पात्र किसानों की पहचान करने के साथ ही उन तक कृषि कर्ज की सुविधा पहुंचाने के लिए कई अभियान चला रही है और यही वजह है कि कृषि कर्ज पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. चालू वित्त वर्ष में दिसंबर 2023 तक 20 लाख करोड़ रुपये के कृषि कर्ज का लक्ष्य करीब 82 फीसद हासिल हो चुका है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि तक निजी और सरकारी बैंकों के द्वारा किसानों को करीब 16.37 लाख करोड़ रुपए का कर्ज जारी किया जा चुका है.
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान किसानों को कुल 21.55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बांटा गया था, जो कि 18.50 लाख करोड़ रुपये के कृषि कर्ज के लक्ष्य से ज्यादा था. आंकड़ों के मुताबिक किसान क्रेडि कार्ड के नेटवर्क के जरिए 7.34 करोड़ किसानों ने कर्ज लिया था और 31 मार्च 2023 तक करीब 8.85 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बांटा गया था.