सरकार सीधे किसानों से खरीद सकती है चना

सरकार ने 2024-25 सीजन के लिए चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,440 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है.

सरकार सीधे किसानों से खरीद सकती है चना

सरकार बफर स्टॉक में बढ़ोतरी के लिए बाजार भाव पर चने की खरीदारी करेगी. मंडियों में चने का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ज्यादा है. ऐसे में सरकार प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड (PSF) के तहत सीधे किसानों से बाजार भाव पर चने की खरीदारी कर सकती है. कारोबारी सूत्रों के मुताबिक उत्पादन में गिरावट की आशंका की वजह से चने की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और फिलहाल भाव 5,900 रुपए प्रति क्विंटल से 6,000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच कारोबार कर रहा है. बता दें कि सरकार ने 2024-25 सीजन के लिए चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,440 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है.

मौजूदा समय में चने की ऊंची कीमतों की वजह से किसानों की सहकारी संस्था नैफेड और राज्य की एजेंसियां प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चने की खरीदारी करने में असमर्थ हैं. बता दें कि चालू विपणन सत्र (अप्रैल-जून) में नैफेड ने 10 लाख टन लक्ष्य के मुकाबले अभी तक सिर्फ 13,000 टन चने की खरीदारी की है. नेफेड ने 2023-24 और 2022-23 सीजन में पीएसएस के तहत क्रमशः 23 मिलियन टन और 26 मिलियन टन चने की खरीदारी की थी.

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि बीते दो विपणन सत्र में खरीदारी मजबूत रहने की वजह से पिछले साल बफर स्टॉक बढ़कर 30 मिलियन टन तक हो गया था और यही वजह रही कि सरकार थोक खरीदारों को खुले बाजार में चना की बिक्री करने और भारत दाल योजना के तहत खुदरा दुकानों के जरिए 60 रुपए प्रति किलोग्राम पर चना दाल बिक्री करने के लिए सक्षम हो पाई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मौजूदा समय में चने का बफर स्टॉक 10 लाख टन के मानक की तुलना में लगभग 0.7 मिलियन टन तक गिर गया है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में देश में चने का उत्पादन 12.16 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो कि पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम है.

Published - April 9, 2024, 05:29 IST