इस साल जून-जुलाई तक भारत में ब्राजील से कम से कम 50 हजार टन उड़द आने की संभावना है. गौरतलब है कि ब्राजील और अर्जेंटीना जैसे देशों की उड़द की बुआई बढ़ोतरी शुरू करने के साथ ही दालों के सबसे बड़े उपभोक्ता भारत की ओर से इन देशों से उड़द इंपोर्ट में बढ़ोतरी की उम्मीद बढ़ गई है. बता दें कि मौजूदा समय में म्यांमार भारत को उड़द का मुख्य सप्लायर रहा है. इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन यानी IPGA के अध्यक्ष बिमल कोठारी के मुताबिक ब्राजील ने उड़द की बुआई शुरू कर दी है.
पिछले साल ब्राजील से 5,000 टन उड़द का इंपोर्ट
कोठारी का कहना है कि पिछले साल ब्राजील से करीब 5 हजार टन उड़द का इंपोर्ट दर्ज किया गया था. हालांकि हमारा अनुमान है कि इस साल जून-जुलाई तक वहां से कम से कम 50 हजार टन उड़द का इंपोर्ट हो सकता है. उन्होंने कहा कि इन देशों को दलहन की खेती को बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि भारत दालों का एक बड़ा बाजार है. हाल ही में बिमल कोठारी के नेतृत्व में IPGA के प्रतिनिधिमंडल ने ब्राजील का दौरा किया था.
घरेलू आपूर्ति में कमी की वजह से 2023-24 के दौरान भारत के उड़द आयात में फिर से बढ़ोतरी दर्ज की गई. दरअसल, अनियमित मौसम की वजह से खरीफ और रबी उत्पादन पर असर पड़ा था. आंकड़ों के मुताबिक 2023-24 के दौरान उड़द के आयात में करीब 19 फीसद की बढ़ोतरी के साथ करीब 6.23 लाख टन दर्ज किया गया है. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान उड़द का आयात 5.24 लाख टन दर्ज किया गया था. वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का उड़द आयात 77 फीसद बढ़कर 6.11 लाख टन दर्ज किया गया था, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में उड़द का आयात 3.44 लाख टन था. गौरतलब है कि भारत ने दालों की महंगाई से निपटने के लिए उड़द के शुल्क मुक्त आयात को 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दिया है.