चीन से लहसुन इंपोर्ट प्रतिबंध के बावजूद कस्टम विभाग ने हाल ही में वहां से आयातित लहसुन की बड़ी खेप पकड़ी है, जिसके बाद कस्टम विभाग ने लहसुन आयात को लेकर निगरानी बढ़ा दी है. पिछले महीने विभाग ने चीन से इंपोर्ट हुआ 60 टन लहसुन पकड़ा था. सरकार ने करीब 10 साल पहले चीन से लहसुन इंपोर्ट पर रोक लगा दी थी. कस्टम विभाग के अधिकारियों ने सीमावर्ती नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते तस्करी को रोकने के लिए खोजी कुत्तों को तैनात किया है और थोक वितरकों और गोदामों पर अपनी स्थानीय खुफिया तंत्र को सतर्क कर दिया है.
कीटनाशक की मात्रा ज्यादा होने की आशंका
कस्टम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक लहसुन की तस्कीर के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. खासकर बिहार, उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर में नेपाल के रास्ते लहसुन की तस्करी की जा रही है. बता दें कि भारत ने 2014 में देश में फंगस से संक्रमित लहसुन आने की रिपोर्ट के बाद चीन से लहसुन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. मौजूदा समय में तस्करी के जरिए देश के बाहर से आने वाले लहसुन में कीटनाशकों की मात्रा ज्यादा होने को लेकर चिंताएं हैं. बता दें कि पिछले महीने कस्टम अधिकारियों ने सिकटा भूमि सीमा शुल्क चौकी पर 1.35 करोड़ रुपए मूल्य के चीन से आने वाली 64,000 किलोग्राम लहसुन की खेप को पकड़ा था.
क्यों बढ़ी लहसुन की तस्करी?
जानकारों के मुताबिक घरेलू बाजार में लहसुन के दाम और निर्यात में बढ़ोतरी की वजह से इसकी तस्करी बढ़ी है. उद्योग से जुड़े लोगों का अनुमान है कि देश में चीन के लहसुन का स्टॉक 1,000-1,200 टन है. घरेलू बाजार में पिछले साल नवंबर से अभी तक लहसुन का दाम दोगुना होकर 450-500 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है. फसल को नुकसान और बुआई में देरी को लहसुन की कीमतों में उछाल की वजह के तौर पर माना जा रहा है. मसाला बोर्ड के मुताबिक 2022-23 में भारत से लहसुन निर्यात 57,346 टन दर्ज किया गया था, जिसका मूल्य 246 करोड़ रुपए था.
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