महाराष्ट्र सरकार किसानों की फसल के मुआवजे को लेकर एक ऐसा कानून लेकर आ रही है जिसके प्रावधानों को लेकर पेस्टिसाइड कंपनियों की आपत्ति है. कानून के लिए तैयार किए गए विधेयक के ड्राफ्ट में कहा गया है कि किसान की फसल को अगर खराब पेस्टिसाइड की वजह से नुकसान होता है तो मुआवजा पेस्टिसाइड कंपनी को देना पड़ेगा. पेस्टिसाइड कंपनियों का तर्क है कि इस प्रावधान की वजह से किसानों की तरफ से मुआवजे के लिए झूठे दावे पेश किए जा सकते हैं.
गौरतलब है कि मिलावटी कीटनाशक, बीज और उर्वरकों के इस्तेमाल से किसानों को वित्तीय नुकसान होने की घटनाओं के बाद महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को उनकी फसल के लिए विशेष मुआवजे का प्रावधान करने के लिए मसौदा विधेयक पेश किया है. पेस्टिसाइड कंपनियों ने तर्क दिया है कि अगर कानून बनाया और लागू किया जाता है तो किसान मुआवजे के लिए कंपनियों के पास झूठे दावे पेश कर सकते हैं.
राज्य सरकार द्वारा विधेयक का मसौदा सार्वजनिक परामर्श के लिए रखा गया है. हालांकि इस कानून के जरिए नकली और घटिया पेस्टिसाइड के सप्लायर्स पर नियंत्रण लगाना है, लेकिन आशंका है कि सही कंपनियों की जांच और विश्लेषण होगी. मसौदा विधेयक में सुझाव दिया गया है कि अपराधियों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए. हालांकि किसानों को मुआवजे की गारंटी के लिए अलग से कानून की कोई आवश्यकता नहीं है.