कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अभी तक ऊंची पेंशन (Higher Pension) की गणना के लिए कोई फॉर्मूला जारी नहीं किया है. इसके चलते आवेदक यह तय नहीं कर पा रहे कि वह किस विकल्प को चुनें. आवेदकों की चिंता तब और बढ़ जाती है अगर उन्हें सरकार की तरफ से दिया गया फॉर्मूला पसंद नहीं आया तो उनके पास ऊंची पेंशन के अपने आवेदन को वापस लेने का विकल्प भी नहीं होगा
EPFO को मिले 14 लाख आवेदन
ईपीएफओ को कर्मचारी पेंशन योजना यानी ईपीएस (EPS-95) के तहत उच्च पेंशन के लिए लगभग 14 लाख आवेदन मिल चुके हैं. ऊंचीन पेंशन का विकल्प चुनने के लिए अंतिम तारीख 26 जून है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि समय सीमा समाप्त होने से पहले और लोग आवेदन करेंगे.
अभी क्या है फॉर्मूला?
ईपीएफओ द्वारा पेंशन की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले फॉर्मूले के तहत, पेंशन योग्य वेतन (pensionable salary) को पेंशन योग्य सेवा या ईपीएस में किए गए योगदान के वर्षों (pensionable service) की संख्या से गुणा किया जाता है. इसके बाद इसे 70 से विभाजित किया जाता है. आप जान लें कि पेंशन योग्य वेतन को पहले पिछले एक साल के औसत वेतन के रूप में परिभाषित किया जाता था, जिसे अब पिछले 60 महीनों के औसत वेतन (बेसिक सैलेरी + डीए) में बदल दिया गया है.
ईपीएफओ ने उच्च वेतन पर पेंशन के लिए देय राशि का अनुमान लगाने के लिए आवेदकों के लिए एक कैलकुलेटर जारी किया है. इससे आवेदकों को पेंशन फंड में कितना पैसा ट्रांसफर करें इसका आकलन करने में मदद मिलेगी.
पेंशन कैलकुलेशन के फॉर्मूले पर दुविधा
ऊंची पेंशन के लिए अंशधारकों से मूल वेतन का 1.16 प्रतिशत अतिरिक्त अंशदान लिया जाएगा. श्रम मंत्रालय ने फैसला लिया है कि भविष्य निधि में नियोक्ताओं के कुल 12 प्रतिशत योगदान में से ही 1.16 प्रतिशत अतिरिक्त अंशदान लिया जाएगा. पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट जितेन्द्र सोलंकी कहते हैं कि उच्च पेंशन का विकल्प चुनने का निर्णय केवल उनकी आय और निवेश के आधार पर लिया जाना चाहिए. ईपीएफओ की तरफ से पेंशन के कैलकुलेशन के फॉर्मूले को लेकर हो रही दुविधा से लोगों में निराशा है. ऐसे में ऊंची पेंशन का विकल्प सोच-समझ कर ही लें क्योंकि इससे रिटायरेंट के बाद आपकी पेंशन तो बढ़ जाएगी लेकिन बचत भी कम हो जाएगी. आपके पीएफ पर इस समय 8.15 फीसद ब्याज मिल रहा है जो लघु बचत योजनाओं की तुलना में बेहतर है.