सावधान! Whatsapp से हो रही है इंटरनेशल ठगी

Whatsapp और Telegram जैसे ओटीटी कॉम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म पर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.

सावधान!  Whatsapp से हो रही है इंटरनेशल ठगी

इस तरह के फ्रॉड कॉल को फिलहाल ट्रेस कर पाना काफी मुश्किल हो रहा है. (Photo Credit: FreePik)

इस तरह के फ्रॉड कॉल को फिलहाल ट्रेस कर पाना काफी मुश्किल हो रहा है. (Photo Credit: FreePik)

नॉर्मल फोन कॉल के जरिए लोगों को लूटने वाले साइबर ठग अब व्हाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे ओटीटी कॉम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म पर लोगों को निशाना बना रहे हैं. इन दिनों बहुत सारे लोगों को व्हाट्सऐप (Whatsapp) और टेलीग्राम (Telegram) पर इंटरनेशनल नंबर से वीडियो कॉल आ रहे हैं. इन नंबर की शुरुआत +251, 60, या 84 से होती है या फिर किसी दूसरे इंटरनेशनल कोड से. इसके उलट जब आपके पास घरेलू कॉल आते हैं. यानी भारत में ही किसी एक जगह से दूसरी जगह पर कॉल किया जाता है तो उन नंबर की शुरुआत + 91 से होती है जो भारत का कंट्री कोड है.

कैसे ठग रहे इंटरनेशनल कॉलर?

इस तरह के कॉल अगर आपने गलती से पिक कर लिए तो ऐसा नहीं है कि आपके खाते से तुरंत पैसे उड़ जाएंगे यानी अकाउंट खाली हो जाएगा. ऐसा नहीं होगा. लेकिन अगर आपने कॉल उठा ली और बात की तो ये कॉलर आपको कुछ स्टेप फॉलो करने को कहेंगे जो आप कतई न करें. अगर आपने ऐसा किया तो आपके साथ तय है कि एक बड़ा फाइनेंशियल फ्रॉड हो जाएगा.

कहां से आते हैं ये कॉल?

इस तरह के ज्यादातर कॉल मलेशिया, इंडोनेशिया, वियतनाम और केन्या जैसे देशों से आ रहे हैं. ये कॉल VOIP नेटवर्क के जरिए आते हैं. ये इंटरनेशनल कॉलर मैलवेयर जैसे खतरनाक वायरस आपके फोन में ट्रांसफर कर रहे हैं. कई बार कॉल ब्लैंक भी होती हैं. कई बार ऐसी ही कॉल के जरिए लिंक भेजे जाते हैं.

कैसे ठगी से बचें?

इस तरह के कॉल के साथ जो लिंक भेजा जाता है, उसे क्लिक करने के लिए कहा जाता है और कुछ स्टेप फॉलो करने को कहा जाता है, वो भूलकर भी ना करें. आपने ऐसा किया तो पैसों से समझिए हाथ धो देंगे. साइबर विशेषज्ञों की सलाह है कि आप ऐसे कॉल बिलकुल ना उठाएं और ना ही उनके साथ आने वाले मैसेज का जवाब दें. आपके पास अगर ये कॉल आए तो आप वे नंबर तुरंत ब्लॉक कर दें. अगर आपने गलती से कॉल उठा लिया है और फ्रॉड के शिकार हुए हैं तो तुरंत साइबर सेल में अपनी शिकायत दर्ज कराएं.

टेलीकॉम कंपनियों की चुनौती

इस तरह के फ्रॉड कॉल को फिलहाल ट्रेस कर पाना काफी मुश्किल हो रहा है. जहां दूरसंचार कंपनियां और रेगुलेटर ट्राई (TRAI) रेगुलर नेटवर्क पर स्पैम कॉल और मैसेज पर लगाम कसने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) आधारित उपाय करने में लगी हैं, साइबर ठग ओटीटी कॉम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म को ठगी का नया ठिकाना बना रहे हैं. दूरसंचार कंपनियों का कहना है कि व्हाट्सऐप और टेलीग्राम रेगुलेटेड नहीं है और इसलिए उन्हें इस तरह के कॉल पर लगाम लगाने के लिए खुद एक मैकेनिज्म तैयार करना होगा.

Published - May 11, 2023, 03:29 IST