सरकारी एजेंसी ने बताए AI के क्या ख़तरे?

Open Ai के चैट GPT के आने के बाद से दुनिया भर में AI के भविष्य, फ़ायदे और चुनौतियों को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. विशेषज्ञों में इसे लेकर दो राय है.

सरकारी एजेंसी ने बताए AI के क्या ख़तरे?

फोटो साभार: TV9 भारतवर्ष

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ट्विटर के CEO एलन मस्क के AI को परमाणु हथियार से ख़तरनाक बताने के बाद अब इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने इसे लेकर चेतावनी दी है.सर्ट इन भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत साइबर खतरों से निपटने के लिए बनाई गई एक नोडल एजेंसी है. सर्ट-इन ने कहा कि चैटजीपीटी, बार्ड और बिंग AI जैसे आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस आधारित प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल स्कैमर्स, लोगों और संगठनों को निशाना बनाने के लिए कर सकते हैं. सर्ट-इन का ये भी कहना है कि हैकर इसके ज़रिए वायरस और मैलवेयर वाले कोड लिख सकते हैं इससे साइबर सुरक्षा को ख़तरा है. इसके ज़रिए साइबर अपराधी इंटरनेट से लेख, वेबसाइट, समाचार और पोस्ट को खंगालकर आर्टिफिशियल लैंग्वेज मॉडल का उपयोग करके लोगों की व्यक्ति जानकारियों का डेटा इकट्ठा कर सकते हैं. साथ ही इसका इस्तेमाल फेक खबरों को फैलाने, घोटाले करने, फ़िशिंग संदेश भेजने या डीप फेक बनाने के लिए किया जा सकता है.

Open Ai के चैट GPT के आने के बाद से दुनिया भर में AI के भविष्य, फ़ायदे और चुनौतियों को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. विशेषज्ञों में इसे लेकर दो राय है. बिल गेट्स आई का दायरा बढ़ने पर इसे हर तरह की इंडस्ट्री बदलाव के तौर पर देखते हैं. लेकिन AI के संभावित ख़तरे भी हैं जिन्हें लेकर पिछले 6 महीने से कई विशेषज्ञों ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब्स जो चैट GPT से ज्यादा उन्नत और शक्तिशाली हैं, उनके AI सिस्टम के प्रशिक्षण को रोकना चाहिए. एक ओपन लेटर में एलन मस्क के अलावा Apple के सह-संस्थापक स्टीव वोज्नियाक, स्वीडिश-अमेरिकी भौतिक विज्ञानी और लोकप्रिय विज्ञान लेखक, मैक्स टेगमार्क और जाने माने इजरायली इतिहासकार युवल नोआ हरारी तक AI को लेकर चिंता ज़ाहिर कर चुके हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि एआई को इतना ज्यादा तेजी के साथ अपग्रेड किया जा रहा है कि ये आने वाले समय में इंसानों को भी पछाड़ देगा. ऐसी तकनीकों के परिणामों का मूल्यांकन और नियंत्रण करने के लिए किसी तरह की योजना नहीं है और इसके आने वाले समय में पूरी मानवता को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. AI की आहट के साथ ही बेरोज़गारी के इस भयावह दौर में कई मौजूदा नौकरियों पर भी संकट है. इनवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) की हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक एआई के कारण दुनियाभर में 30 करोड़ नौकरियां जा सकती हैं. कई जगह AI ने लोगों को रिप्लेस कर भी दिया है और छंटनी शुरू भी हो गई है.

Published - May 12, 2023, 05:32 IST