फाइनेंशियल प्लानिंग करते वक्त कितना जरूरी होता है वसीयत का पंजीकरण कराना?

यदि वसीयत पंजीकृत नहीं है तो इसकी वैधता या वास्तविकता साबित करना मुश्किल होगा. एक पंजीकृत वसीयत के साथ न तो छेड़छाड़ की जा सकती है न ही इसे चुराया जा सकता है.

फाइनेंशियल प्लानिंग करते वक्त कितना जरूरी होता है वसीयत का पंजीकरण कराना?

भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 के तहत वसीयत का पंजीकरण अनिवार्य नहीं है. हालांकि, वसीयत को पुख्ता करने के लिए इसको रजिस्टर्ड करवा लेना चाहिए. यदि वसीयत पंजीकृत नहीं है तो इसकी वैधता या वास्तविकता साबित करना मुश्किल होगा. एक पंजीकृत वसीयत के साथ न तो छेड़छाड़ की जा सकती है न ही इसे चुराया जा सकता है. पंजीकृत वसीयत को रजिस्ट्रार द्वारा सुरक्षित रखा जाता है. कोई भी व्यक्ति वसीयतकर्ता की मृत्यु तक बिना उसकी लिखित स्पष्ट अनुमति के बिना वसीयत तक पहुंच नहीं सकता और न ही इसकी जांच कर सकता है.

वसीयत का पंजीकरण कैसे करें?

वसीयत का पंजीकरण सबरजिस्ट्रार के कार्यालय में गवाहों की उपस्थिति में होता है. एक बार वसीयत तैयार हो जाने के बाद, एक गवाह को वसीयतकर्ता के साथ पंजीकरण के लिए रजिस्ट्रार के पास जाना चाहिए.

Published - April 17, 2023, 07:03 IST