आप कम दर पर टैक्स दे सकते हैं अगर आप टैक्स की नई रिजीम को चुनते हैं. लेकिन ध्यान रहे नई रिजीम का मतलब है कि आपको करीब 70 तरह की इनकम टैक्स छूट को बाय-बाय कहना होगा. नई टैक्स रीजिम में 80C निवेश पर छूट, मेडिकल इंश्योरेंस, HRA और होम लोन इंटरेस्ट जैसी रियायतों को हटा दिया गया है, लेकिन कम दर पर टैक्स लगेगा. पुरानी टैक्स रिजीम में 3 टैक्स स्लैब हैं और नई में 6. पुरानी टैक्स व्यवस्था में 5% के टैक्स स्लैब के बाद सीधा 20% टैक्स स्लैब आता है और फिर सबसे उच्चतम 30% का टैक्स लगता है. वहीं नई व्यवस्था के तहत 5% के बाद हर 5-5% पर टैक्स रेट है.
पुरानी टैक्स रिजीम के टैक्स स्लैब
2.5लाख रुपए तक की इनकम परNIL
2.5लाख से 5लाख रुपए की इनकम पर 5%
5लाख से 10लाख रुपए की इनकम पर20%
और10लाख रुपए से ज्यादा की इनकम पर30% Tax
नई टैक्स रिजीम के टैक्स स्लैब
2.5लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं
2.5 से 5लाख रुपए की इनकम पर5%
5से7.5लाख रुपए की इनकम पर10%
7.5से 10लाख रुपए की इनकम पर15%
10से12.5लाख रुपए की इनकम पर20%
12.5से15 लाख रुपए पर25%
15लाख रुपए से ऊपर30%
अगर आप इनकम टैक्स की 80C, 80D, HRA, होम लोन इंटरेस्ट जैसे तमाम छूट से अगर आपको ज्यादा फर्क नहीं पड़ता यानी न आपके पास होम लोन है न टैक्स सेविंग निवेश आप करते हैं तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए सही है . जितनी कमाई उस पर स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स चुकाना होगा.
नई और पुरानी टैकस रिजीम में कैसे तय करें कौन-सी टैक्स व्यवस्था है सही आपके लिए? सारे कैलकुलेशन जानने के लिए देखें ये वीडियो-