इंटरनेशनल फंड (international fund) वो म्यूचुअल फंड (mutual fund – MF) होते हैं, जो विदेशी कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. ऐसे फंड में निवेश कर के पोर्टफोलियो का जोखिम घटाया जा सकता है. फॉरेन एक्सचेंज पर होने वाली बढ़त का फायदा भी ग्लोबल फंड से मिलता है. देश में ऐसे कई फंड हैं जिनके निवेश का 5-30 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय शेयरों में जाता है.
फिनफिक्स रिसर्च की संस्थापक प्रबलीन बाजपेयी का कहना है कि इंटरनेशनल फंड नए बाजार और ट्रेंड का हिस्सा बनने का मौका देते हैं.
पराग पारेख फ्लेक्सी कैप, DSP वैल्यू, कोटक पायनियर फंड जैसी करीब 10-15 स्कीम हैं जो ग्लोबल मार्केट में निवेश करती हैं.
बाजपेयी के मुताबिक, निवेशकों को अक्सर पता नहीं होता है कि उनके फंड कहां निवेश कर रहे हैं. इंटरनेशनल फंड में पैसे लगाने से पहले अपने पोर्टफोलियो का रिव्यू करना चाहिए.
अगर मौजूदा फंड की पोर्टफोलियो में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है, तो अलग से फंड में पैसे लगाने की जरूरत नहीं. हालांकि, ऐसा देखा गया है कि रेगुलर फंड में इंटरनेशनल मार्केट का शेयर कम होता है.