सरकार की लघु बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) में मिलने वाले ब्याज में बढ़ोतरी देखने को मिली है. जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए सरकार ने विभिन्न लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों में 0.7 फीसद तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है. चूंकि छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें केंद्र सरकार की ओर से समर्थित हैं और सरकारी प्रतिभूतियों पर बाजार के रिटर्न पर निर्भर करती हैं. आरबीआई ने भी रेपो रेट में कई बार वृद्धि की है. इससे स्मॉल सेविंग्स पर इस समय बिना किसी जोखिम के आकर्षक ब्याज मिल रहा है. साथ ही कई बचत योजनाओं ब्याज टैक्स फ्री भी है. इससे लघु बचत योजनाएं निवेशक के लिए आकर्षक विकल्प बन गई हैं. अगर आपने भी ऐसी छोटी बचत योजनाओं में निवेश का मन बना रहे हैं तो आप इन चुनिंदा स्कीमों को चुन सकते हैं.
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) डाकघर की पॉपुलर स्कीमों में से एक है. ये बिना जोखिम के लोगों को अच्छा रिटर्न देती है. इसमें आपको टैक्स छूट का भी लाभ मिलता है. इस योजना में आयकर की धारा 80 सी के तहत सालाना 1.5 लाख रुपए की छूट का दावा कर सकते हैं. हाल ही में सरकार ने छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दर की समीक्षा कर इसमें बदलाव किया है. हालांकि एनएससी के ब्याज दर को पहले की ही तरह 7.7% रखा गया है. ग्राहकों को उम्मीद थी कि इसमें और बढोतरी हो सकती है. इसमें सिर्फ 1000 रुपए से निवेश शुरू कर सकते हैं, जबकि निवेश की अधिकतम कोई भी सीमा नहीं है. इसमें तीन तरह के सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं. इस योजना में सिंगल, ज्वाइंट ए और ज्वाइंट बी के तहत निवेशक पैसों का निवेश कर सकते हैं.
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSC) पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो एक रेगुलर इनकम का विकल्प तलाश रहे हैं. साथ ही जो महंगाई को मात देने के लिए ऐसी योजना में निवेश करना चाहते हैं जिसमें बेहतर रिटर्न के साथ सुरक्षा की गारंटी भी मिले. इस योजना में अभी 8.2% की दर से ब्याज मिल रहा है. इसमें पांच साल का लॉक इन पीरियड है. इसमें ब्याज तिमाही आधार पर क्रेडिट होता है. इसमें मिलने वाले ब्याज पर स्लैब के आधार पर टैक्स लगता है.
लोक भविष्य निधि (PPF) वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर मिलने वाले ब्याज दर में कोई फेरबदल नहीं किया गया है. ये पहले की ही तरह 7.1 प्रतिशत है. पीपीएफ, जिसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड के नाम से भी जाना जाता है. ये भारत में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले निवेश विकल्पों में से एक है. इसमें गारंटीड रिटर्न, निवेश की गई राशि पर टैक्स लाभ और रिटर्न पर टैक्स छूट के चलते ये निवेशकों को काफी पसंद है. इसमें आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत, पीपीएफ निवेश पर कर कटौती का लाभ मिलता है. साथ ही पीपीएफ खाते का ब्याज भी टैक्स फ्री होता है. इसमें न्यूनतम वार्षिक जमा राशि 500 रुपए है. जबकि अधिकतम वार्षिक योगदान की सीमा 1.5 लाख लाख रुपए है. ये योजना 15 साल के लिए है.
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