साइबर अपराधियों के खिलाफ सरकार सख्त हो गई है. लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह को पकड़ने और उन पर कार्रवाई करने के लिए रिजर्व बैंक, गृह मंत्रालय, बैंक और दूरसंचार विभाग साथ मिलकर काम कर रहे हैं. साइबर ठगी पर लगाम लगाने के लिए दूरसंचार विभाग मोबाइल फोन कनेक्शन की स्क्रीनिंग कर रहा है. इसके तहत लाखों मोबाइल फोन कनेक्शन को बंद भी कर दिया गया है.
50 लाख मोबाइल फोन कनेक्शन बंद
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, दूरसंचार विभाग ने सख्ती दिखाते हुए साइबर ठगों के गिरोह को पकड़ने के लिए अब तक 1.14 करोड़ एक्टिव मोबाइल फोन कनेक्शन की स्क्रीनिंग की है. इनमें से लगभग 60 लाख मोबाइल फोन कनेक्शन फर्जी पाए गए हैं. इनमें से करीब 50 लाख मोबाइल फोन कनेक्शन बंद किए जा चुके हैं, और बाकी बचे कनेक्शन भी बंद किए जा रहे हैं. दरअसल, विभाग ऐसे नंबरों की जांच कर रहा है, जो इस तरह की ठगी में इस्तेमाल किए जा रहे हैं.
गौरतलब है कि साइबर ठगी के लगभग सारे मामले मोबाइल कनेक्शन की मदद से ही किए जाते हैं. ठगी करने वालों के गिरोह के काम करने में फर्जी मोबाइल कनेक्शन की बड़ी भूमिका होती है. ऐसे में अगर इन फर्जी मोबाइल कनेक्शन को बंद कर दिया जाता है, या इसकी जांच की जाती है तो साइबर ठगी पर अंकुश लगाने में बड़ी सफलता हाथ लग सकती है. इतना ही नहीं, इन ठगों के गिरोह का पता भी लगाया जा सकता है.
कई विभाग मिल कर बना रहे रणनीति
ईटी में छपी एक रिपोर्ट में दूरसंचार विभाग के अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि साइबर अपराधों पर लगाम लगाने और उसमें शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए कई सरकारी और स्वायत्त विभाग मिलकर रणनीति बना रहे हैं. इसके लिए रिजर्व बैंक, गृह मंत्रालय, बैंक और दूरसंचार विभाग मिल कर अलग-अलग नीतियों पर काम कर रहे हैं.दरअसल, ये साइबर ठग भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसा कर उनसे लाखों, करोड़ों लूट लेते हैं.
अकाउंट भी किए गए फ्रीज
एक सरकारी अधिकारी बताया कि मोबाइल कनेक्शन ही नहीं बल्कि बैंक खातों पर भी सख्ती दिखाई जा रही है. अब तक फ्रॉडलेंट मोबाइल नंबरों से लिंक्ड 7 लाख से ज्यादा अकाउंट फ्रीज किए गए हैं. इन अकाउंट्स का इस्तेमाल लोगों से पैसे मंगाने में इस्तेमाल किया जा रहा था. इसमें बैंक अकाउंट,फोनपे अकाउंट, गूगल पे अकाउंट, पेटीएम अकाउंट, आदि शामिल हैं.