केंद्र सरकार ने त्योहारों से ठीक पहले बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने तुअर और उड़द दाल पर स्टॉक लिमिट 31 दिसंबर 2023 तक बढ़ा दी है. सरकार ने त्योहारों को देखते हुए यह फैसला लिया है. अब व्यापारी 50 टन दाल रख सकेंगे, जबकि पहले दाल की स्टॉक लिमिट 200 टन थी. त्योहार के मौसम में दालों की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार ने स्टॉक लिमिट लगाई है. इससे पहले स्टॉक लिमिट की आखिरी तारीख 30 सितंबर थी. अब इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर 2023 कर दिया है. हालांकि, स्टॉक लिमिट को 200MT से घटाकर 50MT कर दिया है.
सरकार के इस फैसले के बाद, बड़े रिटेल चेंस और होलसेलर के लिए स्टॉक लिमिट अब 50MT है. मिलर के लिए लिमिट पिछले 3 महीने के उत्पादन या वार्षिक क्षमता का 25%, जो भी पिछले 1 महीने से अधिक हो या वार्षिक क्षमता का 10%, जो भी अधिक हो से कम कर दी गई है. सरकार ने जमाखोरी को रोकने और अरहर और उड़द दाल के बाजार में उचित मुल्य पर उपभोक्ताओं के लिए दाल की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से स्टॉक मिलिट को घटाने और अवधि को बढ़ाने का फैसला लिया है.
किसकी कितनी लिमिट?
अब हर एक दाल होलसेलर्स 50 मिट्रिक टन, रिटेलर्स 5 मिट्रिक टन, रिटेल आउटलेट 5 मिट्रिक टन और बड़े चेन रिटेलर्स 50 मिट्रिक टन डिपो में रख सकते हैं. सरकार के ताजा आदेश के अनुसार, दाल आयात करने वाले इंपोर्टर कस्टम क्लीयरेंस की तारीख के 30 दिनों से ज्यादा दाल का स्टॉक अपने पास नहीं रख सकते हैं. इतना ही नहीं, सर्कार का आदेश है कि सभी दाल ट्रेडर्स को डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेसर्य के वेबसाइट https://fcainfoweb.nic.in/psp पर जाकर अरहर और उरद दाल के स्टॉक का खुलासा करेंगे. अगर उनके पास स्टॉक तय लिमिट से ज्यादा है तो 30 दिनों के भीतर उसे नीचे लाना होगा.
गेहूं पर लगा स्टॉक लिमिट
केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2024 तक गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाई है. दरअसल, खराब मौसम के चलते कम उत्पादन के बीच अरहर दाल की कीमतों में बड़ी तेजी आई है. देश का अरहर उत्पादन फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में इससे पिछले साल के 39 लाख टन के मुकाबले घटकर 30 लाख टन रह गया. ऐसे में, भारत चालू वित्त वर्ष में पिछले वर्ष से 12 लाख टन या 35 फीसद अधिक दाल का इस साल आयात करेगा. वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान देश ने 8.9 लाख टन का आयात किया. गौरतलब है कि कम उत्पादन के चलते अब तक देश में छह लाख टन तुअर का आयात हो चुका है. यह आयात म्यांमार और पूर्वी अफ्रीकी देशों से किया जाता है.