पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) में लाभार्थी किसानों की संख्या लगातार घटती जा रही है. इस योजना के तहत सरकार किसानों के खातों में एक साल में 2,000 की तीन किस्त यानी सालाना 6,000 रुपए भेजती है. वित्त वर्ष 2018-19 में इस योजना की शुरुआत हुई थी. इस योजना के तहत अब तक सरकार 13 किस्त जारी कर चुकी है. किसानों को अब 14वीं किस्त (PM Kisan Yojana 14th Installment) का इंतजार है.
कम हो रही है लाभार्थियों की संख्या
वित्त वर्ष 2021-22 में 10.41 करोड़ किसानों ने पीएम किसान योजना का लाभ उठाया था. वित्त वर्ष 2022-23 लाभार्थियों का आंकड़ा 1.86 करोड़ घटकर 8.55 करोड़ रह गया. महज एक साल में ही लाभार्थी किसानों की संख्या 18 फीसद घट गई. जिस तरह से जांच में सख्ती की जा रही है, इससे माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में लाभार्थियों की संख्या में और कमी देखी जा सकती है.
क्या है वजह?
सरकार ने इस योजना के लाभार्थियों के लिए कुछ नियम बना रखे हैं. जांच में पता चला है कि कई लोग फर्जी तरीके से इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. ऐसे लोगों को योजना से बाहर कर दिया है. इतना ही नहीं, जिन लोगों ने फर्जी तरीके से इस योजना में लाभ उठाया है, उनसे वसूली भी की जा रही है. इस डर की वजह से कुछ अपात्र लोग खुद ही सरेंडर कर रहे हैं. इस वजह से किसानों की संख्या में कमी आई है. फरवरी 2021 में सरकार ने राज्यसभा में बताया था कि इस योजना के तहत 32.91 लाख अपात्र किसानों ने 2,328 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त कर ली.
ये किसान नहीं हैं योजना के पात्र
दरअसल, शुरुआत में इसमें उन किसानों को शामिल किया गया, जिनके पास दो हेक्टेयर से कम जमीन थी. लेकिन बाद में इसमें सभी किसानों को जोड़ लिया गया. इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों और इनकम टैक्स देने वाले किसानों को लाभ नहीं दिया जाएगा. साथ ही, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए और 10 हजार रुपए से ज्यादा की पेंशन पाने वालों को भी इसका लाभ नहीं मिलेगा.
सरकार के बच गए 9386 करोड़ रुपए
पीएम किसान योजना के तहत किसानों की संख्या कम होने से सरकार के खजाने में बचत हो रही है. वेबसाइट पर दिए आंकड़े के अनुसार, सरकार ने 2021-22 में 67,032 करोड़ रुपए जारी किए जबकि 2022-23 में 57,646 करोड़ रुपए जारी किए गए. सरकार के पास कुल मिलाकर 9,386 करोड़ रुपए की बचत हुई.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।