ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत देने के लिए 17,176 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों यानी पैक्स ने सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के रूप में काम करना शुरू किया है. इन सेवा केंद्रों पर बैंकिंग, बीमा और आधार नामांकन जैसी 300 से ज्यादा सेवाएं ग्रामीण और गरीब लोगों को किफायती दरों पर उपलब्ध कराई जाएंगी. इससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीबों के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी.
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को प्राथमिक कृषि ऋण समितियों में सीएससी सेवाओं का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सीएससी की पहुंच गांव के गरीब से गरीब तक होगी. यहां भूमिहीन मजदूर, गांव के दलित और आदिवासी भी अपना काम आसानी से करवा सकेंगे.
अब तक 17,176 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को सामान्य सेवा केंद्र के रूप में काम करने के लिए पंजीकृत किया गया है. देश भर में लगभग 95,000 पैक्स हैं. जल्द ही शेष पैक्स को भी सीएससी का संचालन करने के लिए तैयार किया जाएगा.
6600 से ज्यादा पैक्स ने शुरू किया काम गुरुवार दोपहर तक 17,176 पैक्स ने सीएससी के रूप में काम करने के लिए अपना पंजीकरण कराया है. इनमें से 6,670 पैक्स ने सीएससी के रूप में काम करना शुरू कर दिया है. आने वाले एक-दो सप्ताह में बाकी पंजीकृत पैक्स भी लेनदेन शुरू कर देंगे.
14 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार सहकारिता मंत्री ने कहा कि पैक्स को सीएससी के रूप में काम करने से ग्रामीण युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. अभी जो 17,176 नए सीएससी शुरू होने हैं उनसे ग्रामीण इलाकों में 13 से 14 हजार युवाओं को ऑपरेटर के रूप में रोजगार हासिल होगा.
मिलेंगे रेल और हवाई जहाज के टिकट सरकार सामान्य सेवा केंद्रों को जल्द ही रेल आरक्षण सेवा शुरू करने और हवाई यात्रा के लिए टिकट बुक करने की भी अनुमति देने पर विचार कर रही है. पैक्स को सीएससी की सेवाएं देने में सक्षम बनाने के लिए फरवरी में एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे. यह एमओयू सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के बीच हुआ था.
नागरिकों को मिलेंगी 300 सेवाएं ये पैक्स ग्रामीण नागरिकों को सीएससी योजना के डिजिटल सेवा पोर्टल पर सूचीबद्ध सभी सेवाएं दे सकते हैं. इनमें बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन, कानूनी सेवाएं, कृषि उत्पाद और उपकरण, पैन कार्ड, आईआरसीटीसी, रेल, बस और हवाई टिकट संबंधी सेवाएं आदि शामिल हैं.
फैल रहा है सीएससी का जाल संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सक्रिय सीएससी की संख्या 2014 में 83,000 थी. अब इनकी संख्या बढ़कर 5.19 लाख तक पहुंच गई है. पैक्स के सीएससी के रूप में काम करने से ग्रामीण आबादी अब बहुत कम लागत पर कई सेवाएं प्राप्त कर सकेगी. सरकारी योजनाओं तक उनकी पहुंच आसान होगी.
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