अगर आप भारतीय रेल का उपयोग करते हैं तो यह जरूरी खबर आपके लिए है. IRCTC ने वैकल्पिक बीमा योजना का प्रीमियम बढ़ा दिया है. ऐसे में आपको सुविधा के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे. अभी तक रेलवे की ओर से प्रति टिकट 35 पैसे का प्रीमियम वसूला जाता था, लेकिन अब इसकी राशि को बढ़ाकर 45 पैसे कर दिया है. इस छोटे से प्रीमियम को चुकाकर आप 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा पा सकते हैं.
बता दें कि रेल यात्री वैकल्पिक बीमा योजना की शुरुआत सितंबर 2016 में की गई थी. तब प्रति यात्री बीमा का प्रीमियम 0.92 पैसा था. इस पूरी राशि का भुगतान रेलवे खुद करती थी, लेकिन 2 साल बाद अगस्त 2018 में प्रीमियम घटाकर 0.42 पैसा प्रति यात्री कर दिया गया था. हालांकि इसका बोझ यात्रियों पर डाला गया.
क्या ये बीमा सभी यात्रियों को मिलता है?
यह बीमा सिर्फ ई टिकट पर मिलता है. जो लोग आईआरसीटीसी की मोबाइल ऐप या वेबसाइट से टिकट बुक करते हैं. उन्हें ही इसका फायदा मिलता है. रिजर्वेशन काउंटर से बुक करवाई रिजर्वेशन टिकट या जनरल टिकट पर यह बीमा नहीं मिलता, लेकिन ये सुविधा भी वैकल्पिक है. जब आप वेबसाइट या ऐप पर टिकट बुक करते हैं तो आपको इस सुविधा का लाभ लेने या न लेने का विकल्प मिलता है.
क्या बच्चे को मिलेगा कवरेज?
अगर आपका बच्चा 5 साल से कम का है और आपने इनफेंट के रूप में टिकट बुक की है तो उसे बीमा का कवरेज नहीं मिलता है. इसके अलावा यदि आपका बच्चा 5 से 11 साल का है और आप उसके लिए सीट नहीं चाहते और हाफ टिकट लेते है तब रेलवे उस बच्चे को बीमा के कवरेज में शामिल करता है. हालांकि वेटिंग लिस्ट के रेल यात्री बीमा योजना के पात्र नहीं होंगे.
क्या है नियम?
ऑनलाइन टिकट बुक कराते समय रेल यात्री को बीमा योजना के विकल्प को चुनना होता है. बीमा कंपनी की ओर से रेल यात्री के मोबाइल और ई-मेल आईडी पर मैसेज आता है. आपको मेल पर भेजे गए पॉलिसी लिंक पर जाकर नॉमिनी भी भरना होता है. इससे परिवार को क्लेम लेने में आसानी होती है. बीमा कवर का उत्तराधिकारी नहीं होने पर दावा करने पर अदालत से बीमा का दावा दिया जाएगा. इसके अलावा किसी कारण से ट्रेन बदले हुए रेलमार्ग पर चलाई जाती है तब भी यात्री को बीमा कवर मिलेगा. इतना ही नहीं यदि रेल रूट के बंद होने के कारण रेलवे सड़क मार्ग से यात्रियों को गतंव्य तक पहुंचाती है तो ऐसी स्थिति में भी यात्री बीमा लाभ के पात्र होंगे.
कितना मिलता है कवरेज?
रेल दुर्घटना में यात्री की मृत्यु होने पर 10 लाख रुपए की राशि आश्रितों को मिलती है. वहीं आंशिक विकलांग होने पर 7.5 लाख और अस्पताल में घायलों का इलाज कराने पर दो लाख रुपए दिए जाते हैं. इसके अलावा, मृतक का पार्थिव शरीर सड़क के रास्ते घर ले जाने के लिए 10 हजार रुपए सड़क परिहवन के लिए भुगतान किया जाता है.