कोरोना काल के बाद से लोग अपनी सेहत के लिए सजग हो गए हैं. यही वजह है कि देश में हेल्थ बीमा लेने वालों की तादात में इजाफा हुआ है, लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस की बढ़ती मांग के चलते इसका प्रीमियम महंगा होता जा रहा है. इसके अलावा आप जितनी ज्यादा उम्र में बीमा खरीदेंगे, आपको उतने ही ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे. ऐसे में अगर आप महंगे प्रीमियम की इस उधेड़बुन में उलझे हैं और बीमा नहीं ले पा रहे हैं तो परेशान न हो. आप कुछ तरीके आजमा कर अपना प्रीमियम कम कर सकते हैं.
लाइफस्टाइल पर डिस्काउंट इंश्योरेंस कंपनियां व्यक्ति की सेहत के आधार पर भी प्रीमियम तय करती हैं. अगर कोई स्मोकिंग करता है तो उसका प्रीमियम बढ़ जाता है, वहीं अगर जो व्यक्ति धूम्रपान नहीं करता है तो उसे 25% तक का डिस्काउंट मिल सकता है. ऐसे में अलग-अलग बीमा कंपनियों की ओर से लाइफस्टाइल यानी जीवनशैली को लेकर डिस्काउंट के अलग मानक हैं. अगर आप स्वस्थ जीवन जी रहे हैं तो आप बीमा कंपनी से इन डिस्काउंट की मांग कर सकते हैं.
अच्छे क्रेडिट स्कोर का फायदा अगर किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर अच्छा है. वो समय से अपने सभी बिल का भुगतान करता है, लोन चुकाता है और उसका क्रेडिट स्कोर 750 या उससे ज्यादा है तो ये भी हेल्थ बीमा में काम आ सकता है. आप बीमा कंपनी से इसके बदले डिस्काउंट की मांग कर सकते हैं. बहुत-सी हेल्थ बीमा कंपनियां बेहतर क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को 5-10% तक का छूट देती हैं.
को-पेमेंट का विकल्प इस विकल्प में बीमा लेने वाले को क्लेम किए गए कुछ हिस्से का भुगतान खुद करना होगा, जबकि बाकी बीमा कंपनी करेगी. उदाहरण के लिए अगर आपके हेल्थ इंश्योरेंस में को-पेमेंट10 प्रतिशत है और अगर आप 1 लाख रुपए का क्लेम करते हैं तो इसमें बीमा कंपनी आपको 90 हजार रुपए का भुगतान करेगी, बाकी 10 हजार रुपए आपको खुद देने होंगे. इस ऑप्शन को चुनने से हेल्थ बीमा का प्रीमियम कम हो सकता है.
रूम रेंट कैपिंग से बन सकता है काम व्यवहारिक तौर पर ये विकल्प थोड़ा मुश्किल लगता है क्योंकि एक तय बजट में अस्पताल का कमरा आपको इलाज के लिए मिले, ये हमेशा मुमकिन नहीं. इसके बावजूद अगर आप बीमा कंपनी की ओर से निर्धारित सीमा राशि के अंदर हॉस्पिटल में रूम लेते हैं तो आपको कोई कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा. उदाहरण के लिए, यदि पॉलिसी में 5,000 रुपए के कमरे के किराए का प्रावधान है, और आप 10,000 रुपए की लागत वाले कमरे का विकल्प चुनते हैं, तो आपको कुल बिल राशि पर लगभग 50% की कटौती का सामना करना पड़ेगा. वहीं अगर आप 5,000 रुपए या उससे कम कीमत वाला कमरा चुनते हैं, तो कोई कटौती नहीं होगी.
अगर आपके पास पैसे की व्यवस्था है तो को-पेमेंट और रूम रेंट कैपिंग के विकल्प से बचना चाहिए क्योंकि यह जरूरत के समय में महंगे साबित होते हैं. अगर अभी तक स्वास्थ्य बीमा नहीं लिया है तो ये विकल्प चुन सकते हैं.
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