शॉपिंग से लेकर घूमने-फिरने में आजकल ज्यादातर लोग क्रेडिट कार्ड का यूज करते हैं. बाद में बिल चुकाने की सुविधा और इस पर मिलने वाले तरह-तरह के ऑफर्स के चलते क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. लेकिन इसके अंधाधुंध यूज से ग्राहकों को परेशानी भी झेलनी पड़ती है. एक साथ बहुत ज्यादा बिल आने से लोग कई बार इसे चुका नहीं पाते, जिसके चलते उन्हें पेनाल्टी व अतिरिक्त ब्याज चुकाना पड़ता है. अगर आपके साथ भी ऐसी समस्या है तो आप बैलेंस ट्रांसफर सुविधा के जरिए आसानी से क्रेडिट कार्ड का बिल चुका सकते हैं.
क्या होता है बैलेंस ट्रांसफर?
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें ग्राहक अपने एक क्रेडिट कार्ड के बैलेंस को दूसरे क्रेडिट कार्ड में ट्रांसफर कर सकता है. इस तरह से आप जुर्माने से बच सकते हैं. साथ ही आपको भुगतान के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा. कई बैंक चुनिंदा क्रेडिट कार्ड पर बैलेंस ट्रांसफर (Balance Transfer) की सुविधा देते हैं. हालांकि इसके बदले बैंक आपसे ब्याज व प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं. यह ब्याज सालाना 11 से 14 फीसद के बीच हो सकता है. अगर आप क्रेडिट कार्ड का बिल समय से नहीं चुकाते हैं तो उस पर बैंक 36 से 48 फीसद की दर से ब्याज और जुर्माना वसूलते हैं.
कब और कितनी रकम कर सकते हैं ट्रांसफर?
जब आपके पास देय तारीख तक क्रेडिट कार्ड का बिल भरने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते हैं तब आप बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प चुन सकते हैं. इसके जरिए आप पेनल्टी और ब्याज के रूप में बड़ी राशि चुकाने से बच सकते हैं. किसी एक क्रेडिट कार्ड से आप दूसरे क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करने के लिए उतनी ही राशि ट्रांसफर कर सकते हैं. जितनी क्रेडिट कार्ड की लिमिट होती है. उदाहरण के लिए अगर आपकी क्रेडिट लिमिट एक लाख रुपए तक है तो आप एक लाख रुपए तक का बिल ट्रांसफर कर सकते हैं.