इनदिनों लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर आप नौकरी करते हैं और आपकी मंथली इनकम क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक या वित्तीय संस्थान की ओर से निर्धारित पात्रता से ऊपर है, तो आपको आसानी से क्रेडिट कार्ड मिल जाता है. क्योंकि क्रेडिट कार्ड जारी करने से पहले, बैंक आम तौर पर आवेदक की इनकम की जांच करते हैं, जिससे यह पता चल सके कि व्यक्ति ईएमआई चुकाने में सक्षम होगा या नहीं, लेकिन यदि आप नौकरीपेशा नहीं हैं, उदाहरण के तौर पर अगर आप एक स्टूडेंट हैं या रिटायर्ड व्यक्ति व गृहिणी हैं तो ऐसे लोगों के पास आय का प्रमाण नहीं होता है. ऐसे में क्रेडिट कार्ड मिलने में समस्या आती है. अगर आप भी ऐसी ही कैटेगरी में आते हैं तो आप कुछ तरीके अपनाकर आसानी से क्रेडिट कार्ड हासिल कर सकते हैं.
ब्यूरो स्कोर आ सकता है काम
एक्सपर्ट का कहना है कि क्रेडिट कार्ड आवेदक की रीपेमेंट क्षमता को समझने के लिए आय का प्रमाण एकमात्र तरीका नहीं है. जिन ग्राहकों के पास सैलरी अकाउंट स्टेटमेंट नहीं है, उनकी विश्वसनीयता की जांच करने के लिए बैंकों के पास कई तरीके हैं. वे ग्राहक का ब्यूरो स्कोर देखते हैं. अगर वो अन्य क्रेडिट कार्ड या लोन का समय पर भुगतान करते हैं तो उनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा होता है. इससे क्रेडिट कार्ड मिलने में आसानी होती है.
एग्रीगेटर फ्रेमवर्क-आधारित लोन हैं ट्रेंड में
आजकल अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क-आधारित ऋण भी काफी चलन में हैं. इसमें बैंकों को व्यवसायों के लिए व्यक्ति के वित्तीय लेनदेन जैसे बैंक स्टेटमेंट, फॉर्म 26AS और जीएसटीआर-3बी तक सीधे पहुंच प्राप्त करने के लिए केवल ग्राहक की सहमति की जरूरत होती है. ज्यादातर क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं ने ग्राहकों को वित्तीय डॉक्यूमेंटेशन से छुटकारा दिलाकर अंडरराइट करने के लिए इन तरीकों के आधार पर ऋण देने के दिशानिर्देश बनाए हैं. कुछ बैंक ग्राहकों को अंडरराइट करने के लिए उनके बैंक के साथ उनके खर्च पैटर्न, यूपीआई लेनदेन, क्रेडिट ब्यूरो जानकारी, वैकल्पिक डेटा/स्कोर का विश्लेषण भी करते हैं. इस विश्लेषण के आधार पर भी बैंक क्रेडिट कार्ड जारी कर सकते हैं.
एफडी के बदले ले सकते हैं क्रेडिट कार्ड
एफडी के बदले भी आप क्रेडिट कार्ड हासिल कर सकते हैं. एफडी के बदले क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के लिए आपको अपनी आय का विवरण देने की जरूरत नहीं होती है. अधिकांश बैंक अपने ग्राहकों को एफडी के बदले क्रेडिट कार्ड देते हैं. इस तरक के क्रेडिट कार्ड में क्रेडिट सीमा आम तौर पर एफडी मूल्य का 75 से 90 फीसदी होती है.
ऐड-ऑन या सप्लीमेंट्री क्रेडिट कार्ड का विकल्प
अगर आपके परिवार में किसी के पास प्राइमरी और स्टैंडर्ड क्रेडिट कार्ड है तो आप बिना किसी आय प्रमाण के ऐड-ऑन या सप्लीमेंट्री क्रेडिट कार्ड का विकल्प चुन सकते हैं. ऐड-ऑन कार्ड प्राथमिक क्रेडिट कार्ड के तहत जारी किया गया एक अतिरिक्त कार्ड होता है. यह आमतौर पर प्राथमिक कार्डधारक के पति/पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन और 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपलब्ध होता है.
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