कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में जमा होने वाला फंड इमरजेंसी में लोगों के काफी काम आता है. मगर नौकरी बदलने पर पुराने ईपीएफ खाते को नए में ट्रांसफर कराना बेहद जरूरी है. अगर आप नौकरी में नहीं है और 36 महीने तक आपके खाते में कोई लेनदेन नहीं होता है यह इनएक्टिव हो सकता है. ऐसे में आपका पैसा फंस सकता है. साथ ही इस पैसे को निकलवाने के लिए आपको काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है. हालांकि बंद पड़े ईपीएफ खाते को दोबारा एक्टिव कराया जा सकता है और कुछ औपचारिकताएं पूरी करके पैसा ट्रांसफर या निकाला जा सकता है.
कब इनएक्टिव होता है EPF खाता?
अगर किसी कर्मचारी ने नौकरी छोड़ दी है और तीन साल से ज्यादा समय तक दूसरी नौकरी नहीं की तो आपका ईपीएफ खाता इनेक्टिव हो जाएगा. इसके बाद आप दूसरी नौकरी शुरू करते हैं तो आपको अपना यह खाता एक्टिव कराना पड़ेगा. इसी तरह अगर आप रिटायर हो गए हैं तो तीन साल बाद यह खाता इनएक्टिव हो जाएगा. फिर इस पर ब्याज भी नहीं मिलेगा.
कैसे निकाल सकते हैं फंसा हुआ पैसा?
जिन लोगों के ईपीएफ खाते निष्क्रिय हो चुके हैं, लेकिन वे इसमें जमा अपना पैसा निकालना चाहते हैं तो उन्हें पिछली कंपनी की मदद से अपना दावा प्रमाणित करना होगा. अगर कंपनी बंद हो गई है तो क्लेम के लिए बैंक केवाईसी (KYC) पूरा कराना होगा. अगर राशि 50 हजार रुपए से ज्यादा है तो इसके लिए भविष्य निधि आयुक्त की मंजूरी लेनी पड़ेगी. जबकि 25 हजार रुपए से ज्यादा और 50 हजार से कम की राशि के लिए खाता अधिकारी से मंजूरी लेनी होगी.
इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
बंद पड़े ईपीएफ खाते से पैसा निकालने या फंड ट्रांसफर करने के लिए पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या केवाईसी से जुड़े कोई भी दस्तावेज की कॉपी लगा सकते हैं. इसके अलावा सहायक भविष्य निधि आयुक्त या अन्य ईपीएफओ अधिकारी की ओर से लिए गए अनुमति पत्र की मदद से आप पैसा निकाल सकेंगे.