क्रेडिट कार्ड पर लगते हैं कितनी तरह के हिडेन चार्ज?

देश में क्रेडिट कार्ड का चलन तेजी से बढ़ रहा है.

क्रेडिट कार्ड पर लगते हैं कितनी तरह के हिडेन चार्ज?

Credit cards

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दुर्गा पूजा से पहले कोलकाता के रोहन ने क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग की थी. अनुमान था 20 हजार रुपए का बिल आएगा. हमेशा फिट बैठने वाला उनका अनुमान इस बार फेल हो गया. 22 हजार रुपए का बिल आया है. क्रेडिट कार्ड बिल देखकर रोहन परेशान हैं, पता चला कि बिल में 2000 एन्युअल फीस जोड़ रखी है. लेकिन रोहन को तो इस चार्ज के बारे में बताया ही नहीं गया था. ये सिर्फ रोहन की समस्या नहीं है. क्रेडिट कार्डधारकों को आए दिन इस तरह की समस्या से दो-चार होना पड़ता है.

देश में क्रेडिट कार्ड का चलन तेजी से बढ़ रहा है. अब छोटे शहरों के लोग भी इसका जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. आरबीआई के अनुसार अगस्त में एक्टिव क्रेडिट कार्ड की संख्या बढ़कर 9.13 करोड़ हो गई. इस महीने में क्रेडिट कार्ड के जरिए खर्च रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया.

अगर आप क्रेडिट कार्ड को समझदारी से इस्तेमाल करते हैं तो यह वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के साथ पैसे बचाने में मददगार साबित हो सकता है. लेकिन इस कार्ड से जुड़े ऐसे कई चार्जेज हैं जो बहुत ज्यादा होते हैं. इनके बारे में बैंक की ओर से कभी नहीं बताया जाता. अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो इससे जुड़े हिडेन चार्जेज के बारे में अच्छी तरह से समझ लें ताकि रोहन की तरह पछताना न पड़े.

एन्युअल फीस

जब आप क्रेडिट कार्ड लेते हैं तो बैंकों के एजेंट आपसे ज्वाइनिंग फीस और एन्युअल फीस पर चर्चा करते हैं. ज्वाइनिंग फीस सिर्फ एक बार देनी होती है. एन्युअल फीस बैंक अलग-अलग तरीके से लेते हैं. कार्ड जारी करते समय एन्युल फीस की सही जानकारी नहीं दी जाती. ज्यादातर मामलों में बताया जाता है कि कोई एन्युल फीस नहीं ली जाएगी लेकिन साल पूरा होने पर कुछ बैंक फीस वसूलनी शुरू कर देते हैं. यह फीस 500 रुपए से लेकर हजारों में हो सकती है. इसलिए क्रेडिट कार्ड लेते समय बैंक से एन्युअल चार्ज पर चर्चा करें और लिखित में जानकारी मांगें.

कैश विद्ड्राल

क्रेडिट कार्ड में एटीएम से कैश निकासी की सुविधा मिलती है जो आपके कार्ड की क्रेडिट लिमिट के आधार पर तय होती है. क्रेडिट कार्ड से जब आप शॉपिंग करते हैं तो उसके भुगतान के लिए 50 दिन तक बिना ब्याज के भुगतान का समय मिलता है. अगर आपने क्रेडिट कार्ड से कैश निकाला है तो इस रकम पर पहले दिन से ही ब्याज लगना शुरू हो जाएगा. ब्याज की दर सालाना 48 फीसद तक हो सकती है. यही नहीं, कैश निकालने पर कंपनियां सर्विस चार्ज भी लेती हैं जो मिनिमम 250 रुपए हो सकता है. भले ही आपने 1000 रुपए निकाले हैं लेकिन मिनिमम चार्ज व जीएसटी देना होगा. ज्यादातर लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं होती.

मिनिमम अमाउंट पेमेंट

जब आपके पास क्रेडिट कार्ड का बिल आता है तो उसमें भुगतान के लिए दो विकल्प मिलते हैं- मिनिमम अमाउंट और फुल पेमेंट. मिनिमम पेमेंट का विकल्प इस तरह से बताया जाता है जैसे कि इसे चुकाने के बाद आप टेंशन फ्री हो गए. लेकिन इस स्थिति में आपसे भारी भरकम ब्याज वसूला जाता है. जो लोग इस विकल्प को चुनते हैं उनके कर्ज के जाल में फंसने की आशंका ज्यादा रहती है.

लेट पेमेंट

जब क्रेडिट कार्ड के बिल का मिनिमम या फुल पेमेंट का ड्यू डेट तक भुगतान नहीं किया जाता है तो बैंक आपसे लेट पेमेंट फीस वसूलते हैं. यह फीस बकाया राशि के आधार पर ली जाती है. बिल की राशि जितनी ज्यादा होगी उतना ही अधिक लेट फीस होगी.

ईएमआई की सुविधा

जब क्रेडिट कार्ड से बड़ी शॉपिंग करते हैं तो आपको ईएमआई में भुगतान का विकल्प मिलता है.. इसी तरह जब आपका बिल ज्यादा हो जाता है तो बैंक आपको इसे ईएमआई में चुकाने की सुविधा देता है. देखने में तो यह सुविधा बहुत लुभावनी लगती है लेकिन इसमें ब्याज भी चुकाना होता है. कुछ बैंक ईएमआई की सुविधा के एवज में कुछ फीस भी वसूलते हैं.

इसके अलावा भी कई हिडेन चार्जेज होते हैं. इनकी अनदेखी आपको भारी पड़ सकती है. पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट जितेन्द्र सोलंकी कहते हैं कि क्रेडिट कार्ड अच्छी सुविधा है लेकिन इसका इस्तेमाल समझदारी से करना चाहिए.. जरा सी लापरवाही आपको कर्ज के जाल में फंसा सकती है. इससे बचने के लिए कम से कम क्रेडिट कार्ड रखें. दो से अधिक कार्ड रखने में कोई समझदारी नहीं है. कार्ड पर कब और कितना चार्ज वसूला जाएगा, इस बारे में अच्छी तरह से समझ लें. जरूरत और क्षमता के हिसाब से क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें.

Published - October 20, 2023, 08:32 IST