गुजरात के वाहन क्षेत्र ने 2009 से बड़ा निवेश जुटाया है. इस साल टाटा मोटर्स ने अहमदाबाद से लगभग 50 किलोमीटर दूर साणंद में अपना नैनो विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया था. तब से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने गुजरात में बड़े निवेश किए हैं और राज्य लगातार बड़े निवेश को आकर्षित कर रहा है.
इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की ओर बढ़ते वैश्विक बदलाव के साथ गुजरात सरकार खुद को एक अग्रणी ईवी विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना चाहती है. इस संबंध में राज्य सरकार ने जून, 2023 में टाटा समूह के साथ 13,000 करोड़ रुपये के एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.
वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन का 10वां संस्करण 10 से 12 जनवरी, 2024 तक गांधीनगर में आयोजित किया जाएगा. दो साल में आयोजित होने वाला यह शिखर सम्मेलन कारोबार क्षेत्र और सरकारों के लिए निवेश अवसरों का पता लगाने और साझेदारी स्थापित करने के लिए एक मंच के रूप में काम करता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र और दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा जैसे भविष्य के लिए तैयार बुनियादी ढांचे से राज्य में वाहन क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी. टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने कई साल पहले बताया था कि कैसे कंपनी ने पश्चिम बंगाल से गुजरात आने का फैसला किया.
टाटा ने कहा था, ‘हमने अपना नैनो विनिर्माण संयंत्र पश्चिम बंगाल से स्थानांतरित कर दिया, जहां दुर्भाग्य से हमें हटना पड़ा. हमने एक ऐसे स्थान की तलाश की, जहां हमें सुरक्षा और स्थिरता मिल सके.’
तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर 2003 में शुरू हुए वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन (वीजीजीएस) के साथ ही 2009 में टाटा समूह के यहां आने के बाद वाहन क्षेत्र का तेजी से विकास हुआ.
फोर्ड मोटर्स ने 2011 में अपने साणंद संयंत्र में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था। सुजुकी मोटर्स ने 2014 में 14,784 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिससे 9,100 नौकरियां पैदा हुईं। टाटा मोटर्स ने 2022 में साणंद स्थित फोर्ड संयंत्र का अधिग्रहण किया.
एमजी मोटर्स ने 2017 में 2,000 करोड़ रुपये के शुरुआती निवेश के साथ जीएम इंडिया के हलोल संयंत्र का अधिग्रहण किया. यह भारत में एमजी की एकमात्र विनिर्माण इकाई है.
गुजरात के वाहन क्षेत्र की सफलता इस तथ्य से पता चलती है कि राज्य के कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 13 प्रतिशत इस क्षेत्र से आता है, राष्ट्रीय स्तर पर वाहन क्षेत्र की कुल एफडीआई में हिस्सेदारी सिर्फ पांच प्रतिशत है.
सुजुकी मोटर्स के शुरुआती निवेश को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, ‘13 साल पहले जब सुजुकी कंपनी अपनी विनिर्माण इकाई के लिए गुजरात आई थी, तो मैंने कहा था कि अगर हमारे मारुति के मित्र गुजरात का पानी पिएंगे, तो उन्हें अच्छी तरह पता चल जाएगा कि विकास का सबसे सही मॉडल कहां है.’
पिछले कुछ वर्षों में सुजुकी समूह ने गुजरात में 28,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. मारुति सुजुकी के कार्यकारी निदेशक राहुल भारती ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन से इस क्षेत्र में निवेश बढ़ा है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।