आम चुनाव से पहले जनता को लुभाने के लिए सरकार कई अहम घोषणाएं कर सकती हैं. इसी के तहत अंतरिम बजट में सरकार लो बजट आवास ऋण पर दी जाने वाली सब्सिडी में वृद्धि की घोषणा कर सकती है. साथ ही पीएम मोदी की प्रमुख आवास योजना का भी विस्तार हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक कम लागत वाले आवास के लिए आवंटन को 2024-25 के लिए 15% से अधिक बढ़ाकर 1 ट्रिलियन रुपए करने की संभावना है. 2023 में यह रकम 790 बिलियन रुपए थी.
सरकार के अनुसार 1.4 अरब से अधिक की आबादी वाले भारत को ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिलियन से अधिक घरों की कमी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उद्योग के पूर्वानुमानों के अनुसार, शहरी आवास की कमी 1.5 मिलियन से बढ़कर 2030 तक दोगुनी होने की आशंका है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत की संघीय और राज्य सरकारों ने ग्रामीण और शहरी कम लागत वाले आवास के लिए सहायता प्रदान करने के कार्यक्रम के तहत पिछले पांच वर्षों में करीब 29 अरब डॉलर खर्च किए हैं.
योजाना को बढ़ा सकती है सरकार
पीएम मोदी ने 2015 में ये आवास योजना शुरू की थी. इसे दिसंबर 2024 में समाप्त होना था, लेकिन सरकार इसे तीन से पांच साल के लिए बढ़ा सकती है. माना जा रहा है कि योजना के तहत अभी तक लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है.
ब्याज पर सब्सिडी की मांग
सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों ने सरकार से योजना के विस्तार के साथ भूमि और निर्माण सामग्री की लागत में वृद्धि के कारण इसमें सब्सिडी देने की मांग की है. आवास योजना के तहत, संघीय सरकार राज्य सरकारों से सब्सिडी के अलावा, आवास निर्माण के लिए बैंक ऋण प्राप्त करने वाले परिवारों को 100,000 रुपए से 267,000 रुपये के बीच ब्याज-लागत सब्सिडी देती है. ऐसे में अधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक घर के लिए लगभग 200,000 रुपए की वित्तीय सहायता बढ़ाने और शहरी क्षेत्रों में 5 मिलियन रुपए तक के होम लोन पर ब्याज सब्सिडी का समर्थन किया.