आजकल ज्यादातर लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर आप भी इस प्लेटफॉर्म पर हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है. दरअसल, मेटा ने सभी प्लेटफॉर्म के लिए खाता वेरिफिकेशन के लिए सरकारी दस्तावेज अनिवार्य कर दिया है. अगर आप फेसबुक या इंस्टाग्राम पर अपना अकाउंट वेरिफाई कराना चाहते हैं तो इसके लिए आपको आधार कार्ड या अन्य सरकारी कागज देना होगा. लिंक्डइन ने पहले से सरकारी आईडी लेकर यूजर्स के खातों का सत्यापन कर रहा है.
क्या है जोखिम
फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा पर यूरोप में डेटा चोरी के गंभीर आरोप लगे हैं. भारत में भी इस तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं. ऐसे में फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोगों की सरकारी आईडी क्या सुरक्षित रहेगी, यह एक बड़ा सवाल है. दरअसल, आपके दस्तावेज में आपकी पर्सनल जानकारियां रहती हैं. आधार और पैन कार्ड आपके बैंक खाते से जुड़ा होता है. ऐसे में इसका सोशल मीडिया से लिंक होने पर बैंकिंग फ्रॉड में भी बढ़ावा देखने को मिल सकता है. हालांकि मेटा की पहल से सोशल मीडिया पर फर्जी खातों की संख्या में कमी आ सकती है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट डॉ. दिव्या तंवर का कहना है कि आजकल साइबर सिक्योरिटीज हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है. सोशल मीडिया पर वेरिफिकेशन के लिए सरकारी दस्तावेज देने से ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी. आधार नंबर, कांटेक्ट नंबर या वोटर आईडी कार्ड होने से किसी तरह के क्राइम की सूचना मिलने पर उसे ट्रैक करना आसान हो जाएगा. आज के डिजिटल दौर में तमाम चीजें इंटरनेट पर आधारित हैं. मेटा के इस कदम से सोशल मीडिया पर पहचान छुपा कर क्राइम करने वालों से राहत जरूर मिलेगी. हम ऑटोमेशन 5.0 में आ गए हैं. ऐसे में कुछ भी सीक्रेट नहीं बचा है. यहां जरूरी है सावधानी बरतने की. दरअसल, इससे साइबर क्रिमिनल भी एक्टिव हो जाएंगे. ऐसे में यूजर्स को पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. मेटा को भी अपने यूजर के डेटा की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम करने चाहिए.