सरकार ने बदले ग्रेच्‍युटी, पेंशन और PF के नियम

केंद्र सरकार ने कुछ सरकारी कर्मचारियों के लिए प्रोविडेंट फंड, ग्रेच्‍युटी और पेंशन से जुड़े नियमों में बदलाव किया है.

सरकार ने बदले ग्रेच्‍युटी, पेंशन और PF के नियम

Government Changed Rule: केंद्र सरकार ने कुछ सरकारी कर्मचारियों के लिए पीएफ, ग्रेच्युटी के नियमों में बदलाव किया है. अब कुछ सरकारी कर्मचारियों को पीएफ, ग्रेच्युटी और पेंशन (Pension) का लाभ नहीं मिलेगा. सरकार की तरफ से यह संशोधन नियम 13 में किया गया है. विभाग का कहना है कि इन सदस्यों को अब पेंशन से लेकर पीएफ (Provident Fund) के लिए पात्र नहीं माना जाएगा, क्योंकि इन कर्मचारियों को एक समय पर दो पदों का लाभ नहीं दिया जा सकता है. सरकार ने इसके लिए निर्देश भी जारी कर दिया है.

सरकार ने जारी किया निर्देश
केंद्र सरकार की तरफ से जारी​ निर्देश के अनुसार, अब आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) और वस्तु एवं सेवा कर (GST) न्यायाधिकरण के सदस्यों को ग्रेच्‍युटी, पेंशन और पीएफ का लाभ नहीं ​मिलेगा. इतना ही नहीं, सरकार ने ट्रिब्यूनल सदस्यता को पूर्णकालिक नौकरी वाली कैटेगरी में रख दिया है. यानी इस पद के लिए नामित व्‍यक्ति एक साथ दो सेवाएं नहीं दे सकता है. उन्हें किसी एक सेवा पद से इस्तीफा देना होगा.

क्यों नहीं मिलेगा लाभ ?
गौरतलब है कि पहले उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के सेवारत न्यायाधीशों को उनकी मौजूदा सेवा में रहते हुए न्‍यायाधिकरण में अध्यक्ष या सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाता था. ऐसे में, ये न्यायधीश पेंशन और अन्य लाभ के हकदार थे, लेकिन अब किसी अदालत के सेवारत न्यायाधीश को ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष या सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाएगा, तो उन्हें ट्रिब्यूनल में शामिल होने से पहले या तो इस्तीफा देना होगा या अपनी मूल सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी होगी. यानी कुल मिलकर उन्हें दोनों में से कोई एक विकल्प चुनना पड़ेगा. एक ही समय में एक व्‍यक्ति दो पदों का लाभ नहीं उठा सकते हैं.

संशोधित न्यायाधिकरण का नियम के अनुसार, ये बदलाव तब किया गया है जब केंद्र लंबित टैक्स मामलों और मुकदमेबाजी के शीघ्र निपटान के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण स्थापित करने की प्रक्रिया में है.गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने वकीलों को न्यायिक सदस्य बनने से बाहर कर दिया था.

Published - September 14, 2023, 03:38 IST