घर में रखा है पुराना सोना तो तुरंत कर लें ये काम

सरकार के नियम के मुताबिक सोने के गहने पर 6 अंकों वाला BIS हॉलमार्क जरूरी है

  • Updated Date - June 17, 2023, 07:02 IST
घर में रखा है पुराना सोना तो तुरंत कर लें ये काम

Gold hallmarking rules pic: tv9 bharatvarsh

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सोने के गहनों और इससे बनी दूसरी चीजों की बिक्री में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने साल 2021में बिना BIS हॉलमार्क वाली गोल्ड ज्‍वेलरी की बिक्री पर रोक लगा दी थी. बाद में सरकार ने इस नियम में कुछ बदलाव किए हैं. इसके तहत सरकार ने अब 6 अंकों वाले हॉलमार्क यूनीक आईडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) को अनिवार्य कर दिया है. इसके बिना ज्‍वेलर्स सोने के गहने खरीद या बेच नहीं सकते. ऐसे में अगर आपके पास अभी भी पुराना सोना है और आप इसे बेचने की सोच रहे हैं तो इन पर तुरंत हॉलमार्किंग करा लें. इसके बिना गोल्‍ड बेचने में दिक्‍कत हो सकती है.

कैसे कराएं पुराने सोने पर हॉलमार्किंग?
पुराने सोने के गहनों व अन्‍य सामान पर हॉलमार्किंग के लिए ग्राहक किसी भी बीआईएस-मान्यता प्राप्त हॉलमार्किंग केंद्र पर जा सकते हैं. एक पीस गहने की मार्किंग के लिए 45 रुपए और 5 पीस के लिए करीब 200 रुपए देने होंगे. आप बीआईएस पंजीकृत ज्‍वैलर्स से भी अपने पुराने आभूषणों में हॉलमार्किंग करवा सकते हैं.

हाॅलमार्क नंबर के साथ मिलेगा सर्टिफिकेट?
बीआईएस सेंटर या बीआईएस मान्यता प्राप्त ज्वैलर्स के पास जाकर पुराने गहनों की जांच और उसकी शुद्धता की परख करने के बाद उन गहनों को हॉलमार्क नंबर मिल जाएगा. इतना ही नहीं गहनों के साथ आपको एक सार्टिफिकेट भी दिया जाएगा, जो आभूषणों की शुद्धता की पुष्टि करेंगे. इस प्रमाण पत्र को दिखाकर ही पुराने बिना हॉलमार्क वाले सोने के गहने को बेच या बदल सकते हैं.

क्‍या है बीआईएस हॉलमार्क?
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के अनुसार, हॉलमार्किंग एक प्रमाणीकरण है जो सोने की शुद्धता की पुष्टि करता है. इसमें तीन निशान होते हैं, जिनमें बीआईएस लोगो, इसकी शुद्धता और छह अंकों का एचयूआईडी. हॉलमार्किंग के जरिए ग्राहकों को सोने की शुद्धता का प्रमाण मिलेगा. ग्राहक खरीदे गए आइटम की शुद्धता समेत अन्‍य डिटेल जानने के लिए बीआईएस केयर ऐप का भी उपयोग कर सकते हैं.

Published - June 17, 2023, 07:02 IST