खाना बनाने के लिए घरों में इस्तेमाल होने वाले एलपीजी गैस सिलेंडर से लोगों की जिंदगी तो आसान हो गई है, लेकिन कई बार इसके चलते अप्रिय घटनाएं भी हुई हैं. ऐसे में नुकसान की भरपाई के लिए तेल मार्केटिंग कंपनियां ग्राहकों को 50 लाख रुपए तक का फ्री बीमा देते हैं. कोई भी उपभोक्ता जो गैस कनैक्शन लेते है वे पॅालिसी के लिए इंश्योर्ड हो जाते हैं.
रसोई गैस के फटने या ऐसे किसी हादसे की स्थिति में बीमा का लाभार्थी दावे के लिए क्लेम कर सकता है. ये सुविधा सभी रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं के लिए है. नियम के तहत एलपीजी सिलेंडर के फटने या लीक होने पर होने वाली मौत और नुकसान को कवर करने के लिए तेल मार्केटिंग कंपनियां और एलपीजी सिलेंडर डिस्ट्रिब्यूटर्स थर्ड पार्टी बीमा का देते हैं. इसके अलावा, पीएसयू ऑयल मार्केटिंग कंपनियां जैसे-एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसीएल भी ‘पब्लिक लॉयबिलिटी पॉलिसी फॉर ऑल इंडस्ट्रीज’ को चुनती हैं.
बीमा के लिए नहीं देना होता कोई प्रीमियम तेल कंपनियों की ओर से दिया जाने वाला ये बीमा फ्री होता है. इसके लिए उपभोक्ताओं को प्रीमियम का भुगतान करने की जरूरत नहीं होती है. इस बीमा के लिए पेट्रोलियम कंपनियों की बीमा कंपनियों के साथ साझेदारी रहती है. हादसे की जानकारी मिलने पर आपका डिस्ट्रीब्यूटर ऑयल कंपनी और इंश्योरेंस कंपनी को इस बारे में बताता है. सिलेंडर के कारण एक्सीडेंट होने पर मिलने वाले इंश्योरेंस का पूरा खर्चा तेल कंपनियां ही उठाती हैं.
कैसे करें बीमा के लिए क्लेम? सिलेंडर फटने या लीक से हादसा होने पर क्लेम लेने के लिए पीड़ित को ड्रिस्ट्रीब्यूटर और नजदीकी पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना देनी होगी. उन्हें पुलिस स्टेशन में रजिस्टर्ड FIR दर्ज करानी होगी. क्लेम के लिए आवेदन करते समय एफआईआर की कॉपी, इलाज के लिए अस्पताल की रसीद आदि जमा करना होगा. अगर इस हादसे में किसी की मौत हो जाती है तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और डेथ सर्टिफिकेट भी पेश करना होगा. ऑयल कंपनी खुद आपका क्लेम फाइल करके आपको मुआवजा देगी. क्लेम उन्हीं को मिलेगा जिसके नाम पर सिलेंडर लिया गया होगा. इसके अलावा बीमा का फायदा उन्हीं को मिलेगा जिनका सिलेंडर का पाइप, चूल्हा और रेगुलेटर आईएसआई मार्क वाला हो. क्लेम से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट mylpg.in पर विजिट कर सकते हैं.
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