दोस्‍ती, यारी में गारंटर बनने को न हो राजी, जान लें ये अहम बातें

क्रेडिट स्‍कोर खराब होने या दूसरे कारणों के चलते लोन लेने में होती है दिक्‍कत, तब गारंटर की पड़ती है जरूरत

  • Updated Date - July 18, 2023, 03:37 IST
दोस्‍ती, यारी में गारंटर बनने को न हो राजी, जान लें ये अहम बातें

Loan guarantor pic: freepik

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आजकल ज्‍यादातर लोग घर खरीदने, गाड़ी लेने या अन्‍य किसी जरूरत को पूरा करने के लिए लोन लेते हैं. मगर कई बार उनका क्रेडिट स्‍कोर खराब होने या दूसरे कारणों के चलते उन्‍हें आसानी से लोन नहीं मिलता. बैंक या फाइनेंस कंपनी उन्‍हें गारंटर लाने के लिए कहती है. ऐसे में अगर आपके भी किसी जानने वाले या रिश्‍तेदार ने आपसे गारंटर बनने की बात कही है तो कुछ चीजों की आपको जानकारी होना जरूरी है. क्‍योंकि दोस्‍ती, यारी में गारंटर बनने का लिया गया फैसला आपको बाद में भारी पड़ सकता है.

लोन लेने वाले की चेक कर लें बैकग्राउंड हिस्‍ट्री
गारंटर बनने के लिए सहमत होने या हस्ताक्षर करने से पहले आपको लोन लेने वाले का बैकग्राउंड चेक कर लेना चाहिए. बैंक से ये पता कर लें कि उधार लेने वाले का क्रेडिट स्‍कोर कैसा है, क्‍या उसने पिछले लिए गए लोन का भुगतान सही से किया है या नहीं आदि की जानकारी हासिल कर लें.

कॉन्‍ट्रैक्‍ट की कर लें जांच
लोन देते वक्‍त बैंक या फाइनेंस कंपनी की ओर से उधारकर्ता के साथ एक कॉन्‍ट्रैक्‍ट होता है. इसमें लोन की सभी शर्तें भी लिखी रहती हैं. ऐसे में गारंटर बनने से पहले अपने अधिकारों और जोखिमों के बारे में जान लें. इसके अलावा आप लिखित में पहले ही ये बात साफ कर लें कि यदि उधारकर्ता ऋण चुकाने में विफल रहता है तो आप अपने किसी भी नुकसान के लिए कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं. इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि ऋण राशि और ब्याज दर क्‍या हैं. क्‍योंकि अगर लोन लेने वाला ऋण चुकाने में असमर्थ रहता है तो गारंटर को इसकी भरपाई करनी होती है.

आपके क्रेडिट स्‍कोर पर पड़ सकता है बुरा असर
अगर आप किसी दोस्‍त या परिवार के सदस्य की मदद के लिए गारंटर बन रहे हैं तो ध्‍यान रखें कि इससे आपको कोई नुकसान न हो. क्‍योंकि अगर लोन लेने वाला समय से भुगतान नहीं करता है या लेट किस्‍त चुकाता है तो बतौर गारंटर आपके क्रेडिट रिकॉर्ड पर भी असर पड़ सकता है.

कई दूसरे जोखिम भी हैं शामिल
आमतौर पर गारंटर की जरूरत तब होती है जब उधारकर्ता का क्रेडिट स्कोर खराब होता है या उनकी आय आवेदन आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती है. इसलिए गारंटर के लिए ये उच्‍च जोखिम वाला होता है. इनसॉल्‍वेंसी कानून के अनुसार, किसी व्यक्ति को अदालत के आदेश के माध्यम से दिवालिया घोषित किया जा सकता है. अगर ऋण की राशि ज्‍यादा हो जाती है, तो लेनदार देनदार के खिलाफ दिवालियापन के लिए आवेदन कर सकते हैं. इतना ही नहीं विभाग कर्जदार के साथ-साथ ऋण गारंटर की संपत्ति भी जब्त कर सकता है.

Published - July 18, 2023, 03:37 IST