आधार बनाने की प्रक्रिया में बदलाव, दो में से एक बायोमेट्रिक से भी हो सकेगा नामांकन
आधार सेवा केंद्रों से कहा गया है कि वैकल्पिक बायोमेट्रिक्स लेकर धुंधली उंगलियों के निशान या इसी तरह की दिव्यांगता वाले अन्य लोगों को आधार जारी किया जाना चाहिए.
सरकार ने कहा है कि ‘आधार’ के लिए पात्र व्यक्ति के उंगलियों के निशान उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में ‘आईरिस’ स्कैन का उपयोग करके नामांकन किया जा सकता है. यह बयान इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के केरल में एक महिला जोसीमोल पी जोस के नामांकन को सुनिश्चित करने के लिए आया है. महिला हाथ की उंगलियां नहीं होने के कारण आधार के लिए नामांकन नहीं कर सकी थी.
बयान के अनुसार, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की एक टीम ने केरल के कोट्टायम जिले के कुमारकम में रहने वाली जोस से उसके घर पर मुलाकात की और उसका आधार नंबर तैयार किया. चंद्रशेखर ने कहा कि सभी आधार सेवा केंद्रों से कहा गया है कि वैकल्पिक बायोमेट्रिक्स लेकर धुंधली उंगलियों के निशान या इसी तरह की दिव्यांगता वाले अन्य लोगों को आधार जारी किया जाना चाहिए.
बयान के अनुसार, एक व्यक्ति जो आधार के लिए पात्र है, लेकिन उंगलियों के निशान देने में असमर्थ है, वह केवल आईरिस स्कैन का उपयोग करके नामांकन कर सकता है. इसी प्रकार, एक पात्र व्यक्ति जिसकी आंखों की पुतली को स्कैन किसी भी कारण से नहीं किया जा सका है, वह केवल अपने फिंगरप्रिंट का उपयोग करके नामांकन कर सकता है. इसमें कहा गया कि उंगली और आईरिस बायोमेट्रिक्स, दोनों ही देने में असमर्थ व्यक्ति का नाम, लिंग, पता, जन्मतिथि का उपलब्ध बायोमेट्रिक्स के साथ मिलान किया जाता है.