भारत में सोना खरीदने का चलन काफी पुराना है. तीज-त्योहार से लेकर शादी-ब्याह के लिए सोने के गहनों की खूब डिमांड रहती है. बहुत से लोग इसे निवेश के लिहाज से भी फायदेमंद मानते हैं. इसलिए कई लोग आभूषण खरीदने के लिए रुपए बचाते हैं और कैश में ही इसकी खरीदारी करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है सोने के गहने नकद में खरीदने व बेचने को लेकर टैक्स से जुड़े कुछ नियम है. आयकर विभाग के अनुसार एक तय सीमा तक दुकानदार कैश में गहने बेच सकता है, इससे ज्यादा की बिक्री पर उसे पैनकार्ड समेत अन्य दस्तावेज दिखाने होंगे. इसलिए अगर आप सोना लेने की सोच रहे हैं तो जान लें कैश में कितनी खरीदारी की जा सकती है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक देश में सोना खरीदने के लिए कोई सीमा तय नहीं की गई है. हालांकि, कैश में लेनदेन को लेकर नियम बनाए गए हैं. इसके तहत ग्राहक दो लाख रुपए तक के सोने के गहने कैश में खरीद सकते हैं, इससे ज्यादा की रकम का भुगतान उन्हें कार्ड या अन्य माध्यम से करना होगा. इसी तरह दुकानदार को भी आयकर के सिंगल लेनदेन से जुड़े नियम का पालन करना होगा. विक्रेता दो लाख तक का कैश स्वीकार कर सकता है, इससे अधिक नकदी के लिए उसे ग्राहक की पहचान देखनी होगी. इसके लिए कस्टमर को अपने पैन कार्ड या आधार कार्ड की कॉपी देना होगा. वहीं अगर आयकर विभाग टैक्स से जुड़े मसलों पर विक्रेता से पूछताछ करती है तो उसे इस लेनदेन के वैध होने का सबूत देना होगा. उसे भी अपना पैनकार्ड समेत अन्य जरूरी दस्तावेज दिखाने होंगे.
इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक अगर कोई ज्वैलर ग्राहक को सोने के गहने बेचने पर 2 लाख से ज्याद नकदी लेता है तो उसे जुर्माना भरना पड़ेगा. यह पेनाल्टी तय सीमा से अतिरिक्त जितनी भी रकम कैश में ली गई होगी उसके आधार पर वसूला जाएगा. साथ ही विक्रेता से गहने बेचने के सबूत जैसे-बिल, सोने की मात्रा, ग्राहक के दस्तावेज, खुद का पैनकार्ड, आधार कार्ड आदि देखे जाएंगे.