बहुत से लोग सेकेंड हैंड फोन तो खरीदना चाहते हैं, लेकिन उसकी प्रमाणिकता का सही से पता न चलने से वे इसे खरीदने से बचते हैं. लोगों के मन में पहला सवाल यही आता है कि कहीं ये मोबाइल चोरी का तो नहीं है या किसी अवैध गतिविधियों में तो इस्तेमाल नहीं किया गया है. इसके अलावा फोन खरीदने वाले की निजी जानकारी चोरी होने का भी डर रहता है. अगर आपके भी मन में ऐसे ही सवाल हैं तो IMEI नंबर काम आ सकता है. मोबाइल में लिखे इस खास नंबर से आप इसकी पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं.
भारत में हर निर्माता की ओर से मोबाइल फोन के बॉक्स पर IMEI नंबर प्रिंट किया जाता है. कोई व्यक्ति मोबाइल पर *#06# डायल करके भी मोबाइल का IMEI जान सकता है. इसके अलावा, IMEI नंबर को मोबाइल की सेटिंग में जाकर और फिर ‘फोन के बारे में’ विकल्प पर जाकर भी इसे चेक कर सकते हैं. डुअल सिम मोबाइल में दो अलग-अलग IMEI नंबर होते हैं.
इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि जो लोग सेकेंड हैंड मोबाइल फोन खरीदना चाहते हैं उन्हें पहले मोबाइल के IMEI नंबर की प्रमाणीकरण जांचनी चाहिए. यह आसानी से सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) वेबसाइट (https://www.ceir.gov.in) पर जाकर चेक किया जा सकता है, ये दूरसंचार विभाग (DoT) की एक पहल है. सेकेंड हैंड मोबाइल असली है या चोरी का इसे जांचने के लिए सरकारी डेटाबेस में उसका IMEI नंबर देखना चाहिए.
एक्सपर्ट का कहना है कि एक वैध IMEI यह सत्यापित करता है कि फोन चोरी का नहीं है या पहले अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया है. सेकेंड-हैंड मोबाइल खरीदने से पहले, विक्रेता से अपने खरीद बिल के साथ IMEI नंबर साझा करने और आधिकारिक चैनल के माध्यम से इसकी (IMEI नंबर) प्रामाणिकता सत्यापित करने को कहना चाहिए.
क्या होता है IMEI नंबर? IMEI एक यूनीक नंबर है जिसका उपयोग मोबाइल नेटवर्क पर किसी डिवाइस की पहचान करने के लिए किया जाता है. इसमें 15 अंक होते हैं और यह फोन की विशिष्ट पहचान की तरह होता है. दूरसंचार विभाग और सीमा शुल्क विभाग भारत में आने वाले हैंडसेट के IMEI नंबरों की जांच करने और रिकॉर्ड के लिए मिलकर काम करते हैं.
कैसे ढूढ़ंते हैं चोरी हुआ मोबाइल? मोबाइल फोन की चोरी, स्नैचिंग या डकैती के मामले में पुलिस अधिकारी अगर तुरंत IMEI नंबर को डेटाबेस में अपलोड करते हैं, तो चोरी हुआ मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया जाएगा और अपराधी अन्य तरीकों से मोबाइल को ठिकाने लगा देंगे. वहीं अगर पुलिस अधिकारी थोड़े समय के लिए भी फोन को अनब्लॉक रखते हैं, तो संभावना है कि वे मोबाइल का पता लगा सकते हैं और अपराधियों को पकड़ सकते हैं. इस प्रकार के मामलों में शिकायतकर्ता को प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करानी होगी.
साइबर सिक्योरिटी ऐप आएगा काम सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदने वाले लोगों को अच्छा साइबर सिक्योरिटी ऐप इंस्टॉल करना चाहिए और मोबाइल के सॉफ्टवेयर को भी अपडेट करना चाहिए. क्योंकि कई बार मोबाइल बेचने वाला फोन के सॉफ्टवेयर में मैलवेयर डाल सकता है और आपकी निजी जानकारी चुरा सकता है. फैक्टरी रीसेट के बाद भी कुछ मैलवेयर मोबाइल के सॉफ़्टवेयर में रह सकते हैं. फ़ैक्टरी रीसेट केवल आम मैलवेयर को खत्म करती है.
CEIR डेटाबेस का उपयोग कैसे करें? सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदने से पहले CEIR डेटाबेस पर IMEI नंबर की जांच करने के लिए आपको एक दूसरे मोबाइल फोन की जरूरत होगी. IMEI नंबर की जांच करने के लिए CEIR की कार्यक्षमता का उपयोग करने के दो तरीके है. पहला एसएमएस के जरिए. इसमें किसी व्यक्ति के पास घर पर कोई ऐसा मोबाइल फोन होना चाहिए जिसमें एसएमएस भेज सकते हों. इसके लिए आपको ‘KYM IMEI No.’ लिखकर 14422 पर एक एसएमएस भेजना होगा. CEIR से निम्नलिखित जानकारी वाला एक जवाबी एसएमएस आएगा, जिसमें मोबाइल का ब्रांड नाम, मॉडल का नाम, निर्माता, डिवाइस का प्रकार और IMEI की स्थिति आदि का जिक्र होगा.
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