Bank Strike: ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉइज एसोसिएशन ने दिसंबर-जनवरी में हड़ताल का आह्वान किया है. बैंक यूनियन की तरफ से बैंकों में पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की भर्ती की मांग और रेग्युलर जॉब के आउटसोर्सिंग के विरोध में यह हड़ताल की जा रही हैं. इस साल दिसंबर महीने से लेकर जनवरी 2024 तक कुल 13 दिन हड़ताल की भेंट चढ़ सकते हैं. देश भर में हड़ताल के चलते बैंकिंग सेवाएं बुरी तरह से बाधित रह सकती हैं. 4 दिसंबर 2023 से हड़ताल की शुरूआत होगी जो अलग अलग चरणों में 20 जनवरी 2024 तक चलेगी. आइए जानते हैं देश में कब-कब कहां हड़ताल होने वाली है.
कब किस बैंक के कर्मचारी रहेंगे हड़ताल पर?
दिसंबर में इन बैंकों के कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल पर
4 दिसंबर 2023 को भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक के कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल पर रहेंगे.
5 दिसंबर 2023 को बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे.
6 दिसंबर 2023 को केनरा बैंक और यूको बैंक के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे.
7 दिसंबर 2023 को इंडियन बैंक और यूको बैंक के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे.
8 दिसंबर 2023 को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे.
11 दिसंबर को निजी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे.
जनवरी 2024 में राज्यों के आधार पर सभी बैंक के कर्मचारी हड़ताल पर
2 जनवरी 2024 को दक्षिण भारत में तेलंगाना, कर्नाटक, पुडुचेरी, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, अंडमान एंड निकोबार और लक्ष्यद्वीप में सभी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर
3 जनवरी 2024 को पश्चिमी भारत के राज्य गोवा, दादर, गुजरात, महाराष्ट्र, दमन, दीव में सभी बैंक के कर्मचारी हड़ताल पर.
4 जनवरी 2024 को उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में सरकारी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर.
5 जनवरी 2-24 को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू एंड कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सभी सरकारी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर.
6 जनवरी 2024 को पूर्वी राज्यों बिहार, असम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम में बैंक कर्मचारी हड़ताल पर
19-20 जनवरी 2024 को देशव्यापी हड़ताल
इसके बाद 19 और 20 जनवरी 2024 को पूरे देश के सरकारी बैंकों के बैंक कर्मचारी दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल पर रहेंगे.
यूनियन ने दिया बयान
ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉयज एसोसिएशन ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में बैंक कस्टमर की संख्या कई गुना बढ़ी है, जबकि कर्मचारियों की संख्या में जरूरत के हिसाब से बढ़ोतरी नहीं हुई है. इससे बैंक कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है. रिटायरमेंट, प्रमोशन, मृत्यु के चलते बैंकों में वैकेंसी बढ़ी हैं लेकिन नई भर्ती नहीं हो रही हैं. यूनियन का कहना है कि बैंक शाखाओं में कर्मचारियों की संख्या में कमी है जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा है. इतना ही नहीं, यूनियन ने आरोप भी लगाया कि सरकार और बैंक जानबूझकर क्लर्क और सबऑर्डिनेट लेवल पर कर्मचारी की संख्या कम कर रही है और सुपरवाइजरी स्टॉफ की संख्या बढ़ाई जा रही है.