Flight Tickets: किसी फ्लाइट का टिकट खरीदते समय सीट के लिए बड़ी संख्या में भारतीयों को अतिरिक्त शुल्क (एक्सट्रा चार्ज) देना पड़ता है. एक सर्वे में यह वास्तविकता सामने आई है. सर्वे में शामिल करीब 44 फीसद लोगों ने एक्स्ट्रा चार्ज देने की शिकायत की है. ‘लोकलसर्किल्स’ के सर्वे में कहा गया है कि कई लोगों ने सीट आवंटन शुल्क के रूप में 200 रुपये से 2,000 रुपये के बीच भुगतान करने की भी जानकारी दी, जो हवाई यात्रा किराए का 5 से 40 फीसद तक हो सकता है. इसमें पिछले 12 माह में लोगों की उड़ान बुक करते समय मुफ्त सीट पाने की क्षमता में बहुत मामूली सुधार हुआ है.
सर्वे के अनुसार, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय एवं उपभोक्ता नियामक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने पिछले साल के अंत में इस मुद्दे पर एयरलाइन कंपनियों की एक बैठक बुलाई थी. बैठक में उनसे कथित अनुचित व्यापार व्यवहार और ‘‘मुफ़्त’’ वेब चेक-इन के भ्रामक दावों के बारे में पूछताछ की थी.
लोकलसर्किल्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नए सर्वे में देश के 339 जिलों के उपभोक्ताओं से 41,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं. इसमें परिवार के सदस्यों, खासकर छोटे बच्चों के साथ यात्रा के लिए बुकिंग करते समय यात्रियों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इसके अनुसार, यदि कोई परिवार एक साथ बैठना चाहता है, तो उन्हें वास्तविक टिकट की कीमत से अधिक खर्च करना पड़ता है क्योंकि कई एयरलाइन पर अधिकतर सीटें 200 रुपये से 2,000 रुपये के अतिरिक्त भुगतान पर उपलब्ध होती हैं. नहीं तो परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पंक्तियों में बैठना होगा क्योंकि कुछ एयरलाइन में केवल मिडल सीट के लिए अतिरिक्त भुगतान की आवश्यकता नहीं होती है.
सर्वे के अनुमान के अनुसार, कुछ एयरलाइन कंपनियां करीब 80 फीसद सीट के लिए अब सीट आवंटन शुल्क लेती हैं. पिछले 12 महीने में फ्लाइट बुक करने वाले करीब 65 फीसद यात्रियों ने एक या अधिक बार सीट रिजर्वेशन के लिए एक्सट्रा चार्ज का भुगतान किया.