WTO में मतभेद गहराए, नए मसौदे पर भी नहीं बन रही बात

देर रात सभी पक्षों को समझौते और बयान का नया मसौदा दिखाया गया है जिसमें कृषि और फ‍ि‍श‍िंग पर बात बनती नहीं दि‍खी

WTO में मतभेद गहराए, नए मसौदे पर भी नहीं बन रही बात

Image: News on AIR

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अबूधाबी में WTO वार्ताओं के पांचवे द‍िन की शुरुआत अभी किसी सहमत‍ि के संकेत के साथ नहीं हुई है. गुरुवार की देर रात से सुबह तक वार्ताओं के कई दौर हुए, जिनमें मतभेद मजबूती के साथ कायम है. देर रात सभी पक्षों को समझौते और बयान का नया मसौदा दिखाया गया है जिसमें कृषि और फ‍ि‍श‍िंग पर बात बनती नहीं दि‍खी. वार्ताओं का समापन सत्र अब स्‍थानीय समय के अनुसार शाम पांच बजे तक बढ़ा दिया गया है.

दुनिया के कई देशों में इस साल चुनाव है इसलिए वार्ताओं में गत‍िरोध के राजनीतिक आकलन किये जा रहे हैं. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि खाद्य सुरक्षा और अनाज सब्‍स‍िडी के मामले पर गतिरोध बना रहता है तो भारत किसानों के हितों के पर सख्‍त रुख का संदेश लेकर निकलेगा. यदि कोई सहमति बनती है तो वह सफल होगी. भारतीय पक्ष को उम्‍मीद है रेमिटेंस पर टैक्‍स कम करने और ई कॉमर्स पर कस्‍टम ड्यूटी छूट खत्‍म होने पर बात बन सकती है. विकसि‍त देश इसे रियायत को हमेशा के लिए जारी रखने पर अडे हैं.

सूत्रों के अनुसार देर रात तक बातचीत के बाद सदस्‍यों को सहमत‍ि मसौदे का नया प्रारुप दिया गया है. जिसमें कृष‍ि पर भारत की मांग को जगह नहीं मिली है. भारत चाहता है कि खाद्य सुरक्षा के कृष‍ि सब्‍स‍िडी तय के नियम बदलें और आधार वर्ष और मूल्‍यांकन का नया फार्मूला लागू किया जाए. इधर फ‍िशरीज के मसौदे में अफ्रीकी देशों के प्रस्‍ताव को जगह नहीं मिली है. सूत्र बता रहे हैं कि बैठकों में कृष‍ि सब्‍स‍िडी पर ईयू और अमेरिका के बीच भी मतभेद दिख रहे हैं.

इस बीच वार्ताओं की असफलता की स्‍थि‍त‍ि में तोहमत तय करने की पेशबंदी भी शुरु हो गई है. संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई का एक बयान चर्चा में हैं. उनका कहना है कि ब्रिक्‍स देशों की असहमति वार्ताओं पर भारी पड़ रही हैं. उनका इशारा निवेश के प्रस्‍ताव चीन के भारत और दक्ष‍िण अफ्रीका की असहमति की तरफ था.

Published - March 1, 2024, 01:40 IST